देवउठनी एकादशी पर नहीं बजेगी शहनाई, ग्रह-नक्षत्र डाल रहे हैं कुंवारों पर प्रभाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 12:22 PM

weddings will not be held at devuthani ekadashi

संसार के संचालनकर्ता श्री हरि विष्णु चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी पर नींद से जागते हैं। तभी से शहनाईयां गूंजने लगती हैं और घर में मंगल कार्यों का आरंभ हो जाता है

संसार के संचालनकर्ता श्री हरि विष्णु चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी पर नींद से जागते हैं। तभी से शहनाईयां गूंजने लगती हैं और घर में मंगल कार्यों का आरंभ हो जाता है। विद्वानों के अनुसार अक्षय तृतिया और देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त माने जाते हैं। 2017 में ग्रह-नक्षत्रों के अनुकुल न होने के कारण देवउठनी ग्यारस पर शादियां नहीं होंगी। गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि अन्य शुभ काम भी आरंभ नहीं हो पाएंगे। गुरु तारे के अस्त होने से शादी के शुभ मुहूर्त देवप्रबोधिनी एकादशी के 18 दिन उपरांत आरंभ होंगे। 31 अक्तूबर को एकादशी तिथि है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार 19 नवंबर को सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तभी से शहनाइयां गूंजने लगेगी।


नवंबर-दिसंबर में विवाह के लिए केवल 13 लग्न मुहूर्त रहेंगे, इसके बाद पुन: कुंवारों को शादी के लिए इंतजार करना होगा। 15 दिसंबर से लेकर 3 फरवरी 2018 तक लगभग डेढ़ माह विवाह के मुहूर्त नहीं होंगे। 15 दिसंबर से मल मास का आरंभ हो रहा है, जिसका विश्राम 14 जनवरी 2018 को होगा। फिर शुक्र तारा अस्त हो जाएगा, शादी-ब्याह नहीं हो पाएंगे।


2017 में विवाह के शुभ मुहूर्त
नवंबर- 19, 20, 21, 22, 23, 28, 29, 30
दिसंबर- 3, 4, 8, 9, 10


जुलाई 2018 में शादियों के शुभ मुहूर्त
फरवरी- 4, 5, 7, 8, 9, 11, 18, 19
मार्च- 3, 4, 12, 
अप्रैल- 19, 20, 25, 27
मई- 2, 4, 6, 11, 12, 13
जून- 18, 21, 23, 29, 30
जुलाई- 5, 6, 7, 11, 15, 16, 18, 19, 20, 21, 22


विशेष: इस मंत्र के प्रभाव से जल्दी ही विवाह के आसार बन जाते हैं।

 
मंत्र: ऊँ शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय, पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।
 

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