Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 08:36 AM
भारत वर्ष के लिए यह ग्रहण अधिकतर शुभता का संकेत देता है। भारत की विदेशों में मान-प्रतिष्ठा पहले से अधिक बढ़ेगी। वर्तमान केंद्रीय सत्ता का वर्चस्व बढ़ेगा। विश्व में संकट बढ़ेंगे। पश्चिमी देशों में युद्ध के बादल अथवा विकट स्थिति बन सकती है।
भारत वर्ष के लिए यह ग्रहण अधिकतर शुभता का संकेत देता है। भारत की विदेशों में मान-प्रतिष्ठा पहले से अधिक बढ़ेगी। वर्तमान केंद्रीय सत्ता का वर्चस्व बढ़ेगा। विश्व में संकट बढ़ेंगे। पश्चिमी देशों में युद्ध के बादल अथवा विकट स्थिति बन सकती है। बुधवार को घटने वाले ग्रहण से रूई, चावल, सुपारी, गेहूं, चीनी के भावों में तेजी आएगी। महंगाई और बढ़ेगी।
इस ग्रहण का सूतक 31.1.2018 को प्रात: 8 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति रात्रि 8 बजकर 41 मिनट 11 सैकंड पर होगी। इस ग्रहण काल में स्नान-दान, जप-पाठ, मंत्र-स्तोत्र, पाठ-ध्यान, तीर्थाटन, हवन आदि शुभ कृत्य कर्म करने चाहिएं। इस ग्रहण काल में अन्न, चावल, सफेद वस्त्रों का दान अगले दिन 1 फरवरी को प्रात: सूर्योदय के समय करना चाहिए।
मेष, वृष, कन्या वालों को विशेष फलदायी शुभ फल मिलेगा जिसमें कार्य सिद्धि, लाभ, उन्नति की प्राप्ति होगी। मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ राशि वालों के लिए कष्टकारी, धन-हानि, परेशानी, चिंता, संतान को कष्ट देने वाला होगा। इन राशि वालों को ग्रहण काल में विशेष रूप से मंत्र, जाप, दान करना चाहिए। सप्तनाज का दान, तीन सूखे नारियल पर काजल का लेप करके चलते पानी में जल प्रवाह करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।