Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 09:13 AM
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है। इस बार
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है। इस बार यह व्रत 20 जून को है। पदमपुराण के अनुसार भगवान को एकादशी तिथि अति प्रिय है इसलिए जो लोग किसी भी पक्ष की एकादशी का व्रत करते हैं तथा अपनी सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करते हैं वह अनेक प्रकार के सांसारिक सुखों का भोग करते हुए अंत में प्रभु के परमधाम को प्राप्त होते हैं।
कैसे करें व्रत एवं पूजन?: एकादशी से एक दिन पूर्व अर्थात 19 जून को सच्चे भाव से एकादशी व्रत का संकल्प करके अगले दिन प्रात: स्नान आदि क्रियाओं से निवृत्त होकर भगवान विष्णु नारायण एवं भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी के रूप का पूजन करना चाहिए। व्रत में केवल फलाहार करने का विधान है। रात को मंदिर में दीपदान करके प्रभु नाम का संकीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए। द्वादशी तिथि यानी 21 जून को अपनी क्षमता के अनुसार ब्राह्मणों को दान देकर व्रत का पारण करना शास्त्र सम्वत है।
21जून को, पारण (व्रत तोडऩे का) समय- 5:28 से 08:14
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय-19:14
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 20 जून 2017 01:11 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 20 जून 2017 22:28 बजे
प्रस्तुति : वीना जोशी,जालंधर
veenajoshi23@gmail.com