बारिश की देवी है माता खलखाणी, प्रसिद्ध है यहां का गर्दभ मेला

Edited By ,Updated: 21 Oct, 2016 10:22 AM

khalkhani mata mandir

जयपुर के पास गोनेर रोड स्थित भावगढ़ बंध्या में प्रतिष्ठित खलखाणी माता का मंदिर स्थित है। मंदिर में जयपुर से ही नहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,

जयपुर के पास गोनेर रोड स्थित भावगढ़ बंध्या में प्रतिष्ठित खलखाणी माता का मंदिर स्थित है। मंदिर में जयपुर से ही नहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात से भी भक्त माता के दर्शनों के लिए आते हैं। 

 

कहा जाता है कि पहले बरसात न होने पर महिलाएं माता के दरबार में भोग लेकर गीत गाती हुई आती थी। भोग लगते ही बारिश हो जाती थी। कहा जाता है कि पैराणिक काल में देवताअों ने सरोवर निर्माण से पहले शारदीय नवरात्र में कल्याणी माता की स्थापना करवाई गई। बाद में इनका नाम खलखाणी माता हो गया। पहले ऊंचे चबूतरे पर माता का मंदिर बना हुआ था। 1981 में बाढ़ आने से माता का मंदिर अचानक जमीन से तीन-चार फीट अंदर धंस गया। उसके पश्चात मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। 

 

पहले यह गांव गौड़ राजपूतों की जागीर में था। बाद में महाराजा माधोसिंह ने यह गांव ईश्वर सिंह को जागीरी में प्रदान किया। मंदिर के खर्च के लिए छह बीघा जमीन निकाली गई। यहां भरने वाला गधों का मेला एशिया में खलखाणी माता के नाम से प्रसिद्ध है। यहां भरने वाला गधों का मेला एशिया में खलखाणी माता के नाम से प्रसिद्ध है। कुम्हार, धोबी एवं खटीक आदि समाज के लोगों की माता के प्रति बहुत आस्था है। पहले कुम्हार एवं धोबी माता के दरबार में बैठ कर पंचायत की बैठक कर समाज के झगड़ों का निपटारा करते थे। पंच जो दंड लगाते थे उसे माता के निमित्त खर्च किया जाता था। शुक्ल पक्ष की एकादशी को यहां मेले की भांति माहौल होता है। 
 

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