PIX: मंदिर में आते ही खड़े हो जाते हैं रोंगटे, होता है ऊपरी बाधाओं का निवारण

Edited By ,Updated: 24 Oct, 2016 11:28 AM

mehandipur balaji mandir

राजस्थान के सवाई माधोपुर और जयपुर की सीमा रेखा पर दौसा जिले में स्थित मेंहदीपुर कस्बे में बालाजी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे श्री मेंहदीपुर बालाजी

राजस्थान के सवाई माधोपुर और जयपुर की सीमा रेखा पर दौसा जिले में स्थित मेंहदीपुर कस्बे में बालाजी का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे श्री मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है। मेंहदीपुर बालाजी को दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिलाने वाला बहुत ही शक्तिशाली मंदिर माना जाता है। 

 

कहा जाता है कि कई वर्षों पूर्व हनुमानजी और प्रेत राजा अरावली पर्वत पर प्रकट हुए थे। बुरी आत्माओं और काले जादू से ग्रसित लोग यहां उनसे छुटकारा पाने के लिए आते हैं। शनिवार अौर मंगलवार को यहां लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। कई गंभीर रोगियों को जंजीर से बांधकर यहां लाया जाता है। ज‌िद्दी प्रेतात्मा को शरीर से मुक्त करने के ल‌िए कठोर से कठोर दंड द‌िया जाता है। इस उपचार को देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यहां हनुमान जी के सीने में एक छोटा सा छेद है जिसमें से निरंतर पानी की एक धारा बहती रहती है। यह जल बालाजी के चरणों तले स्थित एक कुण्ड में एकत्रित होता रहता है, जिसे भक्तजन चरणामृत के रूप में अपने साथ ले जाते हैं |
 

बालाजी महाराज के अतिरिक्त यहां प्रेतराज सरकार और भैरवनाथ (कौतवाल) भक्तों की पीड़ा हरते हैं। दुखी कष्टग्रस्त व्यक्ति को मंदिर पहुंचकर तीनों देवगणों को प्रसाद चढ़ाना पड़ता है। बालाजी को लड्डू प्रेतराज सरकार को चावल और कोतवाल कप्तान (भैरव) को उड़द का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस प्रसाद में से दो लड्डू रोगी को खिलाए जाते हैं और शेष प्रसाद पशु पक्षियों को डाल दिया जाता है। कहा जाता है कि पशु पक्षियों के रूप में देवताओं के दूत ही प्रसाद ग्रहण करते हैं। जरुरी नहीं मंदिर में केवल बुरी आत्माअों से ग्रसित लोग ही जा सकते हैं। बालाजी के प्रति भक्तिभाव रखने वाला प्रत्येक भक्त इन तीनों देवों की आराधना कर सकता है। यहां पर देश ही नहीं अपितु विदेशों से भी भक्तजन बालाजी के दर्शन करने आते हैं। 

 

मंदिर में प्रसाद खाने के पश्चात रोगी व्यक्ति झूमने लगता है अौर भूत-प्रेत स्वयं ही उसके शरीर में चिल्लाने लगता है। बालाजी की शरण में आ जाने से सदा के लिए इस प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। मंदिर में प्रात: अौर सांय लगभग चार घंटे पूजा होती है। यहां से भूलकर भी प्रसाद घर लेकर न आए। वापसी के समय भक्त दरबार से जल-भभूति ला सकते हैं। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!