कुछ सालों के भीतर भारत में खत्म हो जाएगी 400 भाषाएं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 03:02 PM

400 languages will end in india within a few years

अगर आप किसी भाषा को सुनते है, बोलते है तो हो सकता है आने...

नई दिल्लीः अगर आप किसी भाषा को सुनते है, बोलते है तो हो सकता है आने वाले कुछ समय में आपको वह भाषा सुनने को ना मिले, क्योंकि People's Linguistic Survey of India (PSLI) दुारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक अगले 50 सालों में भारत में 1.3 बिलियन लोगों द्वारा बोली जा रहीं भाषाओं में आधे से अधिक भाषाएं लुप्‍त हो जाएंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय 780 विभिन्‍न भाषाएं बोलते हैं। 

पीएसएलआई के चेयरमैन जी.एन.डेवी ने बताया, 'अगले 50 सालों में कम से कम 400 भारतीय भाषाएं खत्म होने के कगार पर हैं।' डेवी ने बताया कि पिछले पांच दशकों में करीब 250 भाषाएं पहले ही खत्म हो चुकी हैं। वह भाषाओं को संस्कृति से जोड़ते हुए कहते हैं कि हर भाषा के समाप्त होने के साथ उससे संबंधित संस्कृति समाप्त हो जाती है। 

किन भाषाओं को है ज्‍यादा खतरा
पीएसएलआई में स्कॉलरों और टीचरों के एक ग्रुप ने सांस्कृतिक धरोहर और विविधता की रक्षा के लिए भारत की क्षेत्रीय भाषाओं का दस्तावेज तैयार किया है। ज्यादा खतरे में हाशिये पर पहुंचे उन जनजाति समुदाय की भाषाएं हैं, जिनके बच्चे शिक्षा हासिल नहीं कर पाते हैं या अगर स्कूल जाते भी हैं तो भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से केवल एक पढ़ाई जाती हैं।एेसे में अपनी लोकल ट्रेडिशनल लैंग्वेज से लगातार दूर होते जाते जा रहे हैं। डेवी ने बताया कि पीएसएलआई दुनिया भर में बोली जाने वाली करीब 6,000 जिंदा भाषाओं का दस्तावेज तैयार करेगा। इस रिपोर्ट को 2025 तक आने की उम्मीद है।  


 

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