बंद होंगे देशभर के 800 इंजीनियरिंग कॉलेज, जाने क्या है कारण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 03:51 PM

800 engineering colleges across the country will be closed  what is the reason

जीनियरिंग छात्रों की बढ़ती बेरोजगारी और कॉलेजों में हर साल बढ़ती...

नई दिल्ली : इंजीनियरिंग छात्रों की बढ़ती बेरोजगारी और कॉलेजों में हर साल बढ़ती हुई खाली सीटों को देखते हुए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ( AICTE) ने देश भर के  800 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने का फैसला किया है।इन कॉलेज की सीटों के लिए कोई दावेदार नहीं हैं और इन कॉलेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल दत्तात्रेय सहस्रबुद्धि ने बताया कि  AICTE के कड़े नियमों के चलते हर साल करीब 150 स्कूल खुद ही बंद हो जाते हैं।काउंसिल के एक नियम के मुताबिक, जिन कॉलेजों में उचित आधारभूत संरचना की कमी है और पांच साल से जहां 30 प्रतिशत से कम सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं, उन्हें बंद करना होगा। 

वेबसाइट के अनुसार, एआईसीटीई ने 2014-15 से 2017-18 तक पूरे भारत में 410 से अधिक कॉलेजों को बंद करने को मंजूरी दी है। इनमें से 20 संस्थान कर्नाटक में हैं। 2016-17 में सबसे ज्यादा संख्या में संस्थाओं को बंद करने की मंजूरी दी गई थी। तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जिन्हें या तो कॉलेज बंद करना होगा, या फिर इंजीनियरिंग कॉलेजों को साइंस या आर्ट कॉलेज में बदलना पड़ेगा ।

AICTE वेबसाइट के मुताबिक पूरे भारत में 410 कॉलेजों को प्रोग्रेसिव क्लोजर घोषित किया गया है। जिसका मतलब है कि जो कॉलेज नए साल में छात्रों को एडमिशन नहीं दे सके हैं, वो आगे छात्रों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे । हालांकि जो छात्र पढ़ रहे हैं, उन्हें पढ़ाया जाएगा । इंजीनियरिंग कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को भी अपने सिलेबस को और मॉर्डन करने की सलाह दी है, ताकि छात्र इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकें और कॉलेज बंद करने की नौबत ना आए ।

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