Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 12:52 PM
बी.एड. की शर्त को लेकर सी. एंड वी. शिक्षक जल्द ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
शिमला : बी.एड. की शर्त को लेकर सी. एंड वी. शिक्षक जल्द ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सरकार ने अध्यापकों को 5 वर्ष के अंदर बी.एड. करने का तुगलकी आदेश तो सुना दिया, लेकिन यह तय नहीं किया कि बी.एड. कौन-से संस्थान से करना है। प्रदेश में एक भी ऐसा संस्थान नहीं है, जो इन सर्विस हिंदी और संस्कृत के अध्यापकों के लिए बी.एड. करने का मौका प्रदान करे। शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग अपनी इस खामी से भलीभांति परिचित भी है, फि र भी नौकरशाही अपनी मनमानी का खेल जानबूझ कर खेल रही है। प्रदेश का शिक्षा विभाग ङ्क्षहदी विषय में अपनी सेवाएं दे रहे ङ्क्षहदी और संस्कृत अध्यापकों को प्रशिक्षित श्रेणी में शामिल नहीं करता है। ये अध्यापक प्रशिक्षित बनने के लिए भी पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन नए आर. एंड पी. रूल्स और शिक्षा के नियमों की अस्पष्टता के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। आर.टी.ई. नियमों के अनुसार और प्रदेश सरकार के फरमान के तहत सी. एंड वी. शिक्षकों को 5 साल के अंदर न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को पूरा करना होगा। संस्कृत में बी.एड. करने के लिए ओ.टी. और भाषा अध्यापक को बी.एड. करने के लिए एल.टी. ट्रेनिंग करने के बाद ही बी.एड. की जा सकती है।