इस फील्ड में करियर बना जिंदगी को दे ऊंची उड़ान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 04:46 PM

career in this field gives life to flying high

एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग एविएशन सेक्टर से संबंधित एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसे मेंटेनेंस ब्रांच में शामिल किया ...

नई दिल्ली : एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग एविएशन सेक्टर से संबंधित एक प्रमुख क्षेत्र है, जिसे मेंटेनेंस ब्रांच में शामिल किया गया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रोफेशनल्स को पद व पैसा दोनों मिल रहा है। इसमें कमर्शियल एवं मिलिट्री एयरक्राफ्ट, स्पेस क्राफ्ट, सेटेलाइट एवं मिसाइल आदि की डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन, डेवलपमेंट, टेस्टिंग, ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स आदि के बारे में विशेषज्ञता हासिल की जाती है। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर का सीधा संबंध एविएशन डिवीजन से होता है। एयरक्राफ्ट के सफलतापूर्वक टेक ऑफ की जिम्मेदारी भी इन्हीं के जिम्मे होती है। ये इंजीनियर पूरी तरह से सुरक्षा पर फोकस करते हैं, ताकि एयरक्राफ्ट को बिना किसी अवरोध के उड़ाया जा सके।

क्या कहती है इंडस्ट्री रिपोर्ट
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक घोषणा के अनुसार इस समय भारतीय एविएशन इंडस्ट्री विश्व की नौवीं सबसे बड़ी एविएशन इंडस्ट्री है तथा 2020 तक इसके तीसरे सबसे बड़े एविएशन मार्केट के रूप में बनने की उम्मीद है। इसी तरह से 2030 तक पहुंचते-पहुंचते इसके पहले स्थान पर काबिज होने का अनुमान है। आने वाले समय में इसमें एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर पदों के लिए भारी संख्या में प्रोफेशनल्स की आवश्यकता पड़ेगी।

बारहवीं के बाद रखें कदम
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग तीन वर्षीय ट्रेनिंग कोर्स है। इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को 10+2 की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। छात्र की आयु 23 वर्ष से अधिक न हो।

सैलरी 
इसमें ज्यादातर सैलरी पैकेज एकेडमी करियर एवं काम के बारे में जानकारी पर निर्भर करता है। शुरू शुरू में इसमें प्रोफेशनल्स को करीब तीन से चार लाख रुपए सालाना का पैकेज मिलता है। अनुभव बढ़ने के साथ सैलरी भी बढ़ती जाती है। प्राइवेट सेक्टर में सैलरी अधिक मिलती है। सुविधाओं के मामले में सरकारी क्षेत्र आगे है।

फीस
इसमें फीस की राशि संस्थान पर निर्भर करती है। अमूमन तीन साल के कोर्स में कुल छह सेमेस्टर होते हैं। इनकी फीस करीब दो से ढाई लाख रुपए होती है। इसके अलावा हॉस्टल, यूनिफार्म, खाने, टूल-किट व अन्य खर्चे भी शामिल हैं। छात्र किस्तों में भी फीस दे सकते हैं।

एजुकेशन लोन
छात्रों को देश-विदेश में अध्ययन के लिए प्रमुख राष्ट्रीयकृत, प्राइवेट अथवा विदेशी बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन प्रदान किया जाता है। यह राशि पांच लाख से लेकर अधिकतम 20 लाख रुपए तक हो सकती है। छात्र को जिस संस्थान में एडमिशन लेना है, वहां से जारी एडमिशन लेटर, हॉस्टल खर्च, ट्यूशन फीस एवं अन्य खर्चों का ब्योरा बैंक को देना होता है। अंतिम निर्णय बैंक को करना होता है। बैंक सभी कागजात जांचता है।

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