Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jul, 2017 01:26 PM
वैज्ञानिक ढंग से सजावटी मछली पालन से न केवल बड़े पैमाने पर लोगों को...
नई दिल्ली : वैज्ञानिक ढंग से सजावटी मछली पालन से न केवल बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, बल्कि इसका व्यापक पैमाने पर निर्यात कर विदेशी मुद्रा भी अर्जित की जा सकती है । संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 350 से 400 प्रकार की सजावटी मछलियों का कारोबार किया जाता है । विश्व में 800 किस्म की अलंकारिक मछलियों की पहचान की गई है, जिनमें से लगभग 250 प्रजातियां देश में पायी जाती है । लगभग 180 किस्म की ये मछलियां अपने आकृति एवं रंगों के कारण लोकप्रिय है।
हिन्दू धर्म में मछलियों को बहुत ही शुभ माना गया है जबकि इसाई और बौद्ध धर्म में भी इसका विशेष महत्व है। बंगाली समाज में इसे प्रजनन का प्रतीक माना जाता है । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय नैनीताल के अनुसार सजावटी मछलियों को उनके सुन्दर रंग , आकृति और स्वभाव के कारण Þजीवित जेवर कहा जाता है। अमेरिका के 72 लाख और यूरोप के 32 लाख घरों में एक्वेरियम हैं जिनमेंं सजावटी मछलियों को रखा जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार मछलियों को घर में पालने से सुख -सम्पत्ति में वृद्धि होती है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। दुनिया के 140 से अधिक देशों में सजावटी मछलियों का कारोबार होता है तथा अमेरिका, जापान और यूरोपीय देश इसके व्यापार में अग्रणी हैं। विश्व में सजावटी मछलियों का जो कारोबार होता है उसका मात्र एक प्रतिशत हिस्सा भारत में होता है ।