Edited By ,Updated: 21 Apr, 2017 01:18 PM
गरीब बच्चों को पुष्टाहार देने के लिए उनको सरकारी स्कूलों में मिडडे मील दिया जाता है. लेकिन अगर इसी मिडडे मील में ...
नई दिल्ली : गरीब बच्चों को पुष्टाहार देने के लिए उनको सरकारी स्कूलों में मिडडे मील दिया जाता है. लेकिन अगर इसी मिडडे मील में मरा चूहा निकले तो इससे ज्यादा शर्मनाक और लापरवाही भरा रवैया दूसरा कोई नहीं. यह मामला सामने आया है गुजरात से. यहां गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के जमला गांव में जब बच्चों के सामने मिडडे मील का बर्तन आया तो उसमें एक मरा हुआ चूहा निकला है।
जानकारी के मुताबिक, गांधीनगर के जमला आदर्श प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के उस वक्त होश उड़ गए, जब उन्हें पता चला कि मिडडे मील के लिए आए खाना में मरा हुआ चूहा भी है. बच्चों को खाना परोसने के लिए टीचर्स ने जब खाना देखना शुरू किया तो वो खाने में तैरता हुआ मरा चूहा देख हैरान हो गए. जमला गांव के इस सरकारी प्राइमरी स्कूल में एनजीओ अक्षय पत्र रोजाना मिडडे मील की सप्लाई करता है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार मिडडे मील के कमिशनर आरजी त्रिवेदी ने बताया कि स्कूल को जो खाना सप्लाई किया गया, उसमें मरा हुआ चूहा पाया गया है। बताया जा रहा है कि खाना बच्चों को परोसने से पहले ही शिक्षकों ने इसे देख लिया। आरजी त्रिवेदी ने कहा कि जमला आदर्श प्राइमरी स्कूल में खाना सप्लाई करने वाला सप्लायर तीन अन्य विद्यालयों में भी खाना सप्लाई करता है. पर वहां से ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है।