Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 04:49 PM
सरकार ने आज कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए पांचवीं और ...
नई दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए पांचवीं और आठवीं कक्षा में परीक्षा का प्रावधान करने के लिए जल्दी ही एक विधेयक संसद में लाया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। अभी तक देश में पहली से आठवीं कक्षा में‘अनुत्तीर्ण नहीं करने की नीति’चल रही है। लेकिन 24 राज्यों ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में परीक्षा की मांग की है जिससे छात्रों का समय पर आँकलन हो सके और उन पर उचित ध्यान दिया जा सके। उन्होंने केंद्र से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक विधेयक तैयार कर रही है। इसमें बच्चों को पांचवीं और आठवीं कक्षा में परीक्षा देनी होगी। हालांकि इन प्रावधानों को लागू करना राज्यों पर निर्भर होगा। ये परीक्षाएं बोर्ड स्तर पर नहीं बल्कि स्कूल स्तर पर ही होंगी। इस विधेयक को जल्दी ही संसद में पेश कर दिया जाएगा।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के नए मॉडल तैयार किए गए हैं। शिक्षा को रुचि पूर्ण और मनोरंजक बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। कुछ राज्यों ने अपनी ओर से पहल की है और उसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर एक सर्वेक्षण किया जा रहा है जिसे सितंबर तक पेश कर दिया जाएगा। इसमें एक आंकलन कार्ड तैयार होगा। इसके आधार पर प्रत्येक कक्षा के छात्रों की योग्यता का उल्लेख होगा। इससे माता-पिता भी अपने बच्चे की प्रगति को जान सकेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भवनों को निजी संस्थानों को सौंपने का कोई प्रस्ताव नहीं है।