Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 04:30 PM
मद्रास उच्च न्यायालय ने समीपवर्ती पुडुचेरी में एक निजी मेडिकल कालेज के ...
चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने समीपवर्ती पुडुचेरी में एक निजी मेडिकल कालेज के प्रशासन की, वर्ष 2017-2018 के पाठ्यक्रम में एक छात्रा के प्रवेश के सिलसिले में अपने आदेश का पालन न करने को लेकर खिंचाई की है। के बृंदा की याचिका पर कल सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम सुंदर की प्रथम पीठ ने कहा तथ्य यह है कि अंतरिम आदेश स्पष्ट है जिसमें प्राधिकारियों को आदेश दिया गया है जिसमें वर्ष अकादमिक वर्ष 2017-2018 के लिए एमएस की श्रेणी (सामान्य सर्जरी) की एक सीट रिक्त रखना शामिल है। इसमें कहा गया है। कालेज के प्राधिकारियों को अंतरिम आदेश 17 मई को जारी किया गया था। यह आदेश कालेज को 22 मई को मिला था। प्रथम दृष्टया प्राधिकारियों ने इस अदालत के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया है। साथ ही अदालत ने प्राधिकारियों को याचिकाकर्ता डा के बृन्दा को सामान्य सर्जरी में एमएस में 16 जून के अंतरिक आदेश के अनुसार, 10 लाख रूपये की तदर्थ राशि जमा करने की शर्त पर प्रवेश देने और इस बारे में अपने समक्ष 26 जुलाई तक अनुपालना रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। इससे पहले सीईएनटीएसी तथा पुडुचेरी के अरूपडाई वीदु मेडिकल कालेज को आदेश दिया था कि वह एमएस की श्रेणी (सामान्य सर्जरी) की एक सीट वर्ष 2017-2018 के लिए रिक्त रखें। बहरहाल यह सीट 21 जुलाई तक बृन्दा को आवंटित नहीं की गई जिसके बाद उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।