Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 12:22 PM
भारत में तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर ...
नई दिल्ली : भारत में तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर साफ सुधरे वातावरण के साथ-साथ करीब 3 लाख नौकरियां भी उपलब्ध कराएगा, क्योंकि विंड पावर से 34 हजार 600 जबकि जमीन पर लगाए गए सोलर प्रोजेक्ट्स से 58 हजार 600 और छतों पर लगे सोलर प्रॉजेक्ट्स से दो लाख 38 हजार नौकरियों के मौके बनेंगे।
अकेले अगले तीन वर्षों में, इस क्षेत्र में करीब 80,000 भारतीयों के लिए रोजगार उत्पन्न हो सकता है। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट ऐंड वॉटर (CEEW) और नैचरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (NRDC) की एक रिर्पोट के अनुसार सोलर एनर्जी के उद्योग ने 2016-2017 में भारत में 21,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है और 2017-18 में अनुमानित 25,000 लोगों को अधिक रोजगार की उम्मीद है।
इस समय सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग में फिलहाल लगभग 2900 लोग काम कर रहे हैं , जबकि इस सेक्टर की डिमांड को घरेलू स्तर पर पूरा किया जाता है तो यहां और 45000 रोजगार के मौके बनेंगे। सेवा सलाहकार अर्न्स्ट एंड यंग के मुताबिक 2026 तक भारत की आबादी का लगभग 15-59 वर्षों की आयु के लोगों के काम करने की उम्मीद है । 2025 तक इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा होगी।
भारत, नवीनीकरण क्षेत्र में शीर्ष चार रोजगार बाजारों में से एक
2016 में, रिएनबैबल्स ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट 2017 के मुताबिक, भारत में 5% दुनिया की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का हिस्सा है और इस क्षेत्र में 9 .7 अरब डॉलर (64, 9 0 9 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। 2016 में चीन, ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान और जर्मनी के प्रमुख रोजगार बाजारों के साथ अक्षय ऊर्जा (बड़े जल विद्युत को छोड़कर) में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार 8.3 मिलियन तक पहुंच गए।
"सरकार ने इस (छत सौर) क्षेत्र में विकास को चलाने के लिए बहुत मजबूत इच्छा दिखायी है। यह पहले से ही इस क्षेत्र के लिए पूंजी सब्सिडी, कर प्रोत्साहन और सस्ती ऋण वित्तपोषण योजनाओं को अनुमति दे चुकी है, लेकिन इसके बेहतर परिणाम तभी आएगें जब इसके नेट-मीटरिंग नीति ढांचा तत्काल सुधार किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण बताते हैं कि प्रभावी नेट-पैमाइश का कार्यान्वयन रूफटॉप सौर अपनाने को 50% तक बढ़ा सकता है। "
1 मेगावॉट क्षमता का सोलर प्लांट से 25 लोगों को मिलता है रोजगार-स्टडी में दिलचस्प बात यह निकलकर आई है कि जमीन पर लगाए जाने वाले सोलर प्रॉजेक्ट्स के मुकाबले छतों पर लगने वाले प्रॉजेक्ट्स में ज्यादा नौकरियों के मौके बनेंगे। स्टडी में कहा गया है कि छतों पर 1 मेगावॉट क्षमता का सोलर प्लांट लगाने से 25 लोगों को काम मिलता है, जबकि जमीन पर हर मेगावॉट के लिए सिर्फ तीन लोगों की जरूरत होगी।
2022 तक 160 गीगावॉट रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट का लक्ष्य
सरकार ने साल 2022 तक 160 गीगावॉट रूफटॉप सोलर पावर प्रॉजेक्ट्स का टारगेट तय किया है, जबकि अब तक 2 गीगावॉट से भी कम का टारगेट हासिल हो पाया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जैसे ही रिन्यूअबल एनर्जी कपैसिटी बढ़ेगी, उसके रख-रखाव, शेड्यूलिंग और फोरकास्टिंग की भी जरूरत बढ़ेगी। इसका मतलब यह हुआ कि इन एरिया में रोजगार के ज्यादा मौके बनेंगे।