Resume बनाते समय ध्यान रखें ये बातें, जल्द मिलेगी नौकरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 04:58 PM

keep these things in mind while making a resume

जब भी हम किसी जगह कोई जॉब पाने के लिए जाते है तो वहां रिज्यूम ही हमारी पहचान होता है। हमारे पहुंचने ...

नई दिल्ली : जब भी हम किसी जगह कोई जॉब पाने के लिए जाते है तो वहां रिज्यूम ही हमारी पहचान होता है। हमारे पहुंचने से पहले ही रिज्यूम पढ़ कर नियोक्ता किसी व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जान लेता। रिज्यूम किसी भी कंपनी में आपकी आवाज होता है और इसी आवाज के दम पर इंटरव्यू तक पहुंचा जा सकता है। कई लोग रेज्यूमे को लंबा और प्रभावशाली बनाने के लिए उसमें झूठी और अधूरी जानकारी देकर उसे कंपनी को भेज देते हैं। लेकिन वह यह नहीं जानते कि इससे न सिर्फ उनकी इमेज खराब होती है,इसलिए रिज्यूम बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है, ताकि जॉब मिलने में आपको आसानी हो 

कंपनी की जरूरत पहचानें
ध्यान रखें कि आप जहां भी अपना रेज्यूमे भेज रहे हैं उसके मुताबिक आपका रेज्यूमे है कि नहीं। आपको कंपनी की जरूरत के मुताबिक अपना रेज्यूमे तैयार करना चाहिए, वहीं यह भी ध्यान रखें कि इस नौकरी के लिए कंपनी की अपेक्षाएं क्या हैं।

जानकारी जुटाएं
कंपनी के बैकग्राउंड की जानकारी भी जुटाएं।  इससे आप अपने रेज्यूमे को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकेंगे। आप अपने काम को उस कंपनी के काम के अनुसार पेश करें ताकि जब वह आपको रेज्यूमे देखें तो पहली ही नजर में उसे सलेक्ट कर लें।

सहारा ले सकते हैं
अपने सीवी को बेहतर बनाने के लिए आप दूसरों के सीवी का भी सहारा ले सकता है। साथ ही आप अपने प्रोफेसर्स, ऑफिस के साथियों या सीनियर्स की मदद भी ले सकते हैं।

बुलैट फॉर्म में लिखें
इसमें आपको अपनी करेंट जॉब और वर्किंग बैकग्राउंड के साथ शुरुआत करनी चाहिए। आप जिस भी कंपनी में जो भी काम कर रहे हैं उसे बुलैट फॉर्म में लिखें। साथ ही हाल ही में पूरे किए गए एसाइनमेंट्स के बारे में विस्तार से जानकारी दें, ताकि पिछले कुछ समय में आपके द्वारा किया गया काम ज्यादा बेहतरी से समझा जा सके। 

कीवर्ड्स का है जमाना
इन दिनों बहुत से रिकू्रटर रेज्यूमे शॉर्टलिस्ट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रयोग करते हैं। उनके विशेष स्कैनर रेज्यूमे में प्रयोग हुए कीवड्र्स की पहचान कर उन्हें देखते हैं। इसलिए ध्यान रहे कि नौकरी से संबंधित सभी कीवर्ड्स का समझदारी से इस्तेमाल किया जाए, जिससे आपके लिए संभावनाएं अधिक हों।

कम शब्दों में कहें बात
रेज्यूमे आपके व्यक्तित्व और क्षमताओं की पहली पहचान पेश करता है। इसका उद्देश्य ही होता है कि नियोक्ता कैंडिडेट को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित करे। इसलिए रेज्यूमे में जितना हो सके उतनी शॉर्ट बात करें। लंबी पोथी बनाने से बचें क्योंकि कोई भी नियोक्ता बहुत लंबा रेज्यूमे नहीं पढ़ता। इसलिए अपना और दूसरों का समय बचाएं। 

योग्यता को रखें ऊपर
किसी प्रोफेशनल्स कोर्स, संबंधित ट्रेनिंग या वर्कशॉप का जिक्र जरूर किया जाना चाहिए। ऐसा कोई कोर्स जो नौकरी से संबंधित नहीं है, उसे रेज्यूमे में शामिल न करें।

नहीं होनी चाहिए स्पेलिंग मिस्टेक्स 
एक बार सीवी पूरा हो जाने के बाद उसे ध्यान से पूरा पढ़ लें। कहीं कुछ छूट न रहा हो इसके लिए दो-तीन बार पढ़ लेना अच्छा रहता है। अगर नियोक्ता को आपके सीवी में स्पेलिंग की भूल या फिर टाइपोग्राफिक की गलतियां नजर आती हैं तो आपका इंप्रेशन उस पर गलत जाता हैं।

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