12वीं फिजिक्स का पेपर, कुछ स्टूडैंट्स ने की ‘ग्रेस मार्क्स’ देने की मांग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 08:48 AM

paper of 12th physics some students demand to give grace marks

सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) की ओर से चल रही बोर्ड परीक्षाओं के तहत आज 12वीं फिजिक्स का पेपर हुआ। पेपर के बाद ज्यादातर स्टूडैंट्स काफी निराश दिखे, क्योंकि उन्हें पेपर काफी मुश्किल लगा।

जालन्धर(विनीत): सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) की ओर से चल रही बोर्ड परीक्षाओं के तहत आज 12वीं फिजिक्स का पेपर हुआ। पेपर के बाद ज्यादातर स्टूडैंट्स काफी निराश दिखे, क्योंकि उन्हें पेपर काफी मुश्किल लगा। परन्तु जिन स्टूडैंट्स ने साल भर मन लगाकर पढ़ाई की थी, वे कान्फीडैंट और खुश दिखे। उन्हें पेपर में किसी तरह की भी कोई परेशानी नहीं लगी, वे पेपर को आसान बता रहे थे। सैक्शन-सी में आए मैगनेटिज्म के सवालों ने तो कुछ स्टूडैंट्स को काफी कन्फ्यूज कर दिया, इसी कन्फ्यूजन में वह बाकी प्रश्नों के उत्तर भी सही ढंग से नहीं दे पाए। एग्जाम देने के बाद कुछ स्टूडैंट्स ने बोर्ड से ग्रेस मार्क्स भी देने की मांग की।


एक्सपर्ट व्यू ‘ट्रिकी व स्कोरिंग रहा एग्जाम’
‘ऑन द होल सी.बी.एस.ई. फिजिक्स का पेपर काफी बैलेंस्ड था, साल भर नियमित रूप से पढऩे वाले स्टूडैंट्स के लिए यह एग्जाम काफी स्कोरिंग था, जबकि अन्य स्टूडैंट्स की पहुंच से भी यह पेपर बाहर था, क्योंकि कुछ प्रश्न ऐसे डाले गए थे, जो आसान तो थे लेकिन काफी घुमा-फिरा कर डालने की वजह से स्टूडैंट्स काफी कन्फ्यूज हुए। सैक्शन-सी में आप्टिक्स का 1 और मैगनैटिज्म के 2 प्रश्न थोड़े मुश्किल थे। इसी सैक्शन में पूछा गया सैमी-कंडक्टर का एक प्रश्न ट्रिकी थी, जिस कारण काफी स्टूडैंट्स इसका उत्तर आसानी से न दे पाए। मेरे अनुसार यह पेपर होशियार बच्चों के लिए बढिय़ा था, इसीलिए स्टूडैंट्स को प्रत्येक विषय को ध्यान से मन लगाकर पढऩा चाहिए।’’ 
-प्रो. विकास कुमार, (कुमार फिजिक्स क्लासिस) 


‘फिजिक्स के एग्जाम की तैयारी करने के लिए भी कम समय मिला था, यह पेपर तो प्री-बोर्ड एग्जाम से भी मुश्किल लगा, डैरिवेशन कम आई और न्यूमैरिकल मुश्किल थे, आंसर देने में काफी टाइम वेस्ट हुआ।  -मिंकल बत्तरा।


सैट-3 का 18वां न्यूमैरिकल वाला प्रश्न बहुत टफ था, वैल्यू बेस्ड पार्ट भी मेरी समझ से बाहर रहा, मैंने पेपर की काफी तैयारी की थी, अगर प्रश्न घूमा-फिरा कर न पूछे होते तो इनके आंसर्स मुझे याद थे, पर इतनी कन्फ्यूजन में आंसर देना आसान न था।     -माधव शर्मा


पेपर ईजी था, न्यूमैरिकल टफ थे, इसके साथ ही लैंस फार्मूले व डैरीवेशन्स भी मुश्किल लगे। बाकी प्रश्नों की सारी तैयारी मैंने अच्छे से की हुई थी, इसलिए पेपर काफी आसान लगा। ग्राफ्स ईजी थे, उम्मीद है कि 70 फीसदी माक्र्स आ जाएंगे। -कोमल


मैंने पेपर की सारी तैयारी सैम्पल पेपरों के अनुसार की थी, लेकिन मुझे उसका कोई फायदा नहीं मिला। ऑप्टिक्स के प्रश्न कम थे और मैग्नेटिज्म के टफ प्रश्न ज्यादा थे, तैयारी व रिविजन के लिए समय भी काफी कम मिला। -सिमरन


सैट-सी में काफी महत्वपूर्ण प्रश्न मिसिंग लगे, जिन प्रश्नों के आने की काफी उम्मीद थी, वह नहीं आए, जिस कारण मूड आफ हुआ। पेपर में इलैक्ट्रोस्टैटिसटिक्स काफी ज्यादा थे। ट्रिकी प्रश्न होने के कारण आंसर देने में टाइम काफी लगा। -रुशाली

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