Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 12:05 PM
टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) की ओर से हॉल में ही जारी ...
नई दिल्ली : टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) की ओर से हॉल में ही जारी की गई वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2018 में भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन फिर खराब रहा है। इस रैकिंग के मुताबिक देश के सर्वोच्च रैंक पाने वाले संस्थान में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) शामिल है लेकिन इसकी रैंकिंग पिछले साल के 201-250 टॉप संस्थान से घटकर 251-300 कैटिगरी में आ गई है। इस गिरावट का कारण प्रभाव स्कोर और रिसर्च इनकम में गिरावट को बताया गया है।
इसी तरह से आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर जो सर्वश्रेष्ठ भारतीय संस्थान में थे की रैंकिंग 401-500 क्लब से 501-600 में आ गई है। आईआईटी बॉम्बे की रैंकिंग में कोई फर्क नहीं आया है और यह अभी 351-400 वाले क्लब शामिल है। इसी तरह से आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी रुड़की ने भी 501-600 वाले ब्रैकिट में अपनी पोजिशन बरकरार रखी है।
टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) ग्लोबल रैंकिंग्स के एडिटोरियल डायरेक्टर फिल बेटी ने कहा, 'यह निराशाजनक है कि बढ़ती वैश्विक प्रतियोगिता के बीच टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में भारत का परफॉर्मेंस सही नहीं रहा है।' भारत का परफॉर्मेंस चिंता का विषय इसलिए भी है कि चीन, हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर की नामी यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्थान के पिछड़ने का कारण अंतरराष्ट्रीयकरण मोर्चे पर पीछे रहना है। उन्होंने कहा, 'भारत में अध्ययन करने वाले विदेशी छात्रों की संख्याओं को सरकारी पॉलिसी में सख्ती से सीमित कर दिया गया है। इस पॉलिसी के कारण लॉन्ग टर्म फैकल्टी पोजिशन में विदेशी स्कॉलरों की नियुक्ति नहीं हो पाती है।'
वैश्विक स्तर की अगर बात करें तो यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में पहला स्थान बरकरार रखा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज दूसरे स्थान पर है। गौरतलब है कि टाइम्स हाईयर एजुकेशन ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का अपना 14वां सालाना संस्करण प्रकाशित कर दिया है। इस रैंकिंग में 77 देशों के शीर्ष 1,000 विश्वविद्यालयों को जगह दी जाती है।