यूपी बोर्ड: दो दिन में 5 लाख स्टूडेंट्स ने छोड़ी परीक्षा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 12:25 PM

up board 5 lakh students leave exams in two days

यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं शुरु हो चुकी है। योगी सरकार दुारा परीक्षा में नकल ...

नई दिल्ली : यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं शुरु हो चुकी है। योगी सरकार दुारा परीक्षा में नकल रोकने के लिए काफी सख्त कदम उठाए गए है। नकल रोकने के लिए की जा रही सख्ती के डर से अब तक पांच लाख से ज्यादा विद्यार्थी यूपी बोर्ड की परीक्षा छोड़ चुके हैं। वहीं नकलचियों की संख्या भी कम हो गई है। परीक्षा के दूसरे दिन 144 नकलची पकड़े गए जबकि बीते वर्ष यह संख्या 266 थी। बोर्ड के पहले दिन 1.75 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के जौनपुर समेत कई जिलों में औचक निरीक्षण से यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन बनाने के प्रयासों को बल मिला है। इसी तरह इलाहाबाद में एसटीएफ की कार्रवाई से भी कड़ा संदेश गया है। जानकारों का मानना है कि इस बार प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा का माहौल बना है और स्कूल के शिक्षक-कर्मचारी नकल कराने से बचेंगे। इलाहाबाद में एक स्कूल में सामूहिक नकल के मामले में प्रधानाचार्य समेत तीन को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को अधिकारी जहां व्यवस्था चाकचौबंद रखने में जुटे रहे वहीं जिलाधिकारी भी पल-पल की जानकारी लेते रहे। मुख्यमंत्री अपने  निर्देशों में स्पष्ट कर चुके हैं कि सामूहिक नकल के मामलों में विभागीय अधिकारियों के साथ डीएम भी जिम्मेदार होंगे। 

गौरतलब है कि  यूपी बोर्ड की परीक्षा 6 फरवरी से शुरू हुई थी।  इसमें कुल 66 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हो रहे हैं। 10वीं में 36,55,691 छात्र शामिल है और 12वीं में 29,81,327 छात्र शामिल हैं।  जिन छात्रों ने परीक्षा छोड़ी उनमें 12वीं के छात्रों की संख्या अधिक बताई जा रही है। इस बार  बोर्ड परीक्षा के लिए 8549 परीक्षा केंद्र बनाएं गए हैं। नकल रोकने के लिए 22 टीमें गठित की गई हैं। 

नकल माफिया में हड़कंप
यूपी और बिहार बोर्ड में नकल करवाना बिजनेस माना जाता है। वहीं परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद नकल माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। यूपी बोर्ड ने नकल को लेकर गंभीरता दिखाते हुए काफी कड़े निर्देश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि जिस भी केंद्र पर सामूहिक नकल करते पाया जाएगा, वहां के प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा।

नकल रोकने के लिए पहली बार किए ये प्रयास 
इस वर्ष परीक्षा केंद्र का निर्धारण ऑनलाइन किया गया है।
50 संवेदनशील जिलों में कोड वाली कॉपियां भेजी गई हैं। परीक्षार्थी का कॉपी कोड उपस्थिति पंजिका पर लिखा जाएगा।
कॉपियां जब स्कूलों से भेजी जाएंगी तब साथ में सुरक्षा इंतजाम रहेंगे। रिक्शे पर लावारिस तरीके से कॉपियां नहीं भेजी जाएंगी।
सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी का इंतजाम है।
परीक्षा के दौरान एसटीएफ जैसी विशेषज्ञ एजेंसी की मदद ली जा रही है। 
जिला विद्यालय निरीक्षकों को गोपनीय सूचनाएं देने के लिए एलआईयू का इस्तेमाल किया गया।
सामूहिक नकल पकड़े जाने पर डीएम तथा विभागीय अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।
 

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