करना चाहते है कुछ अलग तो इन फील्ड्स में बनाएं करियर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 03:54 PM

want to do something different then create careers in these fields

कई सारे युवा सोचते है कि डिग्री हासिल कर लेना ही सब कुछ है। बस डिग्री पा लेने से ही उनका करियर ...

नई दिल्ली : कई सारे युवा सोचते है कि डिग्री हासिल कर लेना ही सब कुछ है। बस डिग्री पा लेने से ही उनका करियर सेट हो जाएगा। उनके करियर के सारे रास्ते आसान हो जाएगें।लेकिन क्या आपको पता है कि कई सारे क्षेत्र एेसे है जहां सिर्फ नौकरी के लिए सिर्फ डिग्री  क्षेत्र ऐसे हैं, जहां नौकरी के लिए सिर्फ डिग्री से काम नहीं बनता। इन क्षेत्रों में नौकरी के लिए डिग्री के साथ - साथ आत्मविश्वास और जज्बे का बहुत जरुरत पड़ती है। आइए जानते है कुछ एेसे ही कोर्सेज के बारे में जिन्हें करने से पहले आपको पहले खुद को आंकना जरूरी है।

वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी 
अगर आपको जानवरों, जंगल और फोटोग्राफी से प्यार है, तो आप भी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी कर सकते हैं। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर होने का मतलब कठिन हालातों में यात्रा करते हुए फोटोग्राफी करना है, जिसके लिए आपमें संयम बहुत जरूरी है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के डिग्री कोर्स काफी कम हैं। अपने शौक को पेशे का रूप देने के लिए आप फोटोग्राफी में डिग्री या फोटो जर्नलिज्म की शिक्षा हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के कई सेमिनार भी आयोजित किए जाते हैं। कोर्स करने के साथ ही आप अपना पोर्टफोलियो भी बनाते रहें। सोशल मीडिया पर भी अपने काम का प्रचार करते रहें। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों के लिए न्यूजपेपर, ट्रैवल मैगजीन, वाइल्ड लाइफ एनजीओ में भी अच्छे अवसर होते हैं। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के तौर पर आप अपने काम को वेबसाइट, आर्ट गैलरी, पब्लिशिंग कंपनियों को भी बेच सकते हैं। ये लोग आपके काम की प्रदर्शनी भी लगा सकते हैं। यहां से फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर आगे बढ़ना अच्छा होता है।

फॉरेंसिक साइंस 
अपराध के मुख्य कारण तक पहुंचने के लिए की जा रही जांच अपराध की जगह के अध्ययन से शुरू होकर फॉरेंसिक लैब्स तक जाती है। हर तथ्य की परख के लिए एक अलग फॉरेंसिक विशेषज्ञ होते हैं। जांच की सभी कड़ियों को जोड़कर बनाई गई रिपोर्ट सबूत के तौर पर पेश की जाती है। एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ को मृत शरीर या ऐसी ही चीजों से सुराग हासिल करने पड़ते हैं, जिसके लिए व्यक्ति में एक खास-समझ और जज्बा होना जरूरी है। भारत में यह क्षेत्र उभर रहा है। यहां इसके विशेषज्ञ की जरूरत सीबीअीई, आईबी जैसे संस्थानों में सबसे ज्यादा है। इनके अलावा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी व कानून के ग्रेजुएट छात्र भी यहां जा सकते हैं। देश भर के विभिन्न संस्थानों में पीजी डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं। फॉरेंसिक साइंस में पीजी डिग्री कोर्स के छात्रों को नौकरी में वरीयता मिलती है

एन्थ्रोपॉलजी 
मानव के सामाजिक, सांस्कृतिक, जैविक इतिहास से जुड़ा होने की वजह से यह एक रोचक विषय है। यही वजह है कि युवा एन्थ्रोपॉलजी की पढ़ाई की ओर आकर्षित होते हैं। इसमें डिग्री हासिल कर लेने के बाद आज यूनिवर्सिटी से लेकर एनजीओ तक में करियर के अवसर मौजूद हैं, लेकिन यह क्षेत्र अध्ययन के साथ गहन रुझान की मांग करता है। तब जाकर आपके लिए यूनेस्को, डब्ल्यूएचओ जैसे संस्थानों में एक एन्थ्रोपॉलजिस्ट के अवसर बनते हैं। इसके अलावा छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी, सरकारी एजेंसी, एनजीओ, बिजनेस, हेल्थ और ह्यूमन सर्विस के क्षेत्र में नौकरियां उपलब्ध हैं। उच्च अध्ययन का क्षेत्र होने की वजह से यहां फील्ड वर्क बहुत है। संस्थान शोध के लिए आपको देश-विदेश की यात्राओं पर ले जाता है। इसके जानकारों की प्राइवेट सेक्टर में काफी मांग है, लेकिन विदेशों में बड़ी एजेंसियों के साथ काम करने के लिए एन्थ्रोपोलजी में पीएचडी करना जरूरी हो जाता है।

फूड केमिस्ट 
बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, न्यूट्रिशन, केमिकल या प्रोसेस इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए फूड साइंस के क्षेत्र में करियर बनाने का यह एकदम मुफीद समय है। पहले के मुकाबले में बड़ी संख्या में पैकेट बंद फूड आइटम्स बाजार में हैं। ऐसे में उनकी गुणवत्ता को बरकरार रखने और मार्केट में डिमांड को बनाए रखने के लिए फूड केमिस्ट की जरूरत बढ़ी है। फूड केमिस्ट का काम फूड मैन्यूफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग, ट्रीटमेंट, प्रिजर्वेशन से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक होता, लेकिन इस क्षेत्र में बेहतर कर पाने के लिए शोध में आपकी रुचि होना बेहद जरूरी है। एक फूड केमिस्ट को लैबोरेट्री में आहार की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नए तरीके भी खोजने होते हैं। फिजिक्स, गणित, बायोलॉजी, केमिस्ट्री में बीएससी या फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक कर चुके छात्र फूड टेक्नोलॉजी में एमएससी कर इस क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं।

एनिमेशन 
भारत में एनिमेशन की शुरुआत भले देर से हुई, लेकिन अब हालात यह है कि यहां हर साल हजारों 2डी और 3डी एनिमेटरों को नौकरी यह इंडस्ट्री दे रही है। मनोरंजन की दुनिया में हुए बदलावों के कारण एनिमेटर की जरूरत काफी तेजी से बढ़ी है, लेकिन यही एक आधार नौकरी मिलने की गारंटी नहीं है। एनिमेशन चूंकि कार्टून बनाने से लेकर उसमें जान फूंककर उसे एक कहानी का रूप देने से जुड़ा है, जो कि कला और तकनीक की गहरी समझ से ही मुमकिन है। इसलिए अगर आप नौकरी के बेहतर अवसर पाने के लिए एनिमेशन में डिग्री हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं, तो कंप्यूटर तकनीक और कला की समझ को बेहतर बनाएं। इसके अलावा लंबे वक्त तक कार्य करने का कौशल भी चाहिए होता है। बहुत कम संस्थान इस क्षेत्र में डिग्री या डिप्लोमा का कोर्स करवाते हैं। फाइन आट्र्स में ग्रेजुएट डिग्री के बाद एनिमेशन में डिप्लोमा करने का विकल्प भी आपके लिए मौजूद है।

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