दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 07:42 PM

world  s largest online teacher training program begins

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण..

नई दिल्ली :  स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया हैं । डेढ़ वर्ष तक चलने वाले इस कार्यक्रम के लिए 15 लाख स्कूली शिक्षकों  ने अपना पंजीकरण करवाया है जिनमें सबसे अधिक ढाई लाख शिक्षक बिहार के हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत आज यहां मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की। जावडेकर ने बताया कि मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत गत छह वर्ष में केवल चार लाख शिक्षकों का ही प्रशिक्षण हो पाया था क्योंकि राज्यों में पर्याप्त बीएड के कॉलेज और सुविधाएं नहीं थी।

2019 के बाद नहीं बढ़ेगा समय
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने देखा कि 15 लाख शिक्षकों ने अभी तक प्रशिक्षण ही नहीं लिया है तो आरटीई में संशोधन किया गया कि 2019 तक शेष शिक्षकों का प्रशिक्षण हो जाये। सभी राज्यों और अधिकारियों से बात कर यह संशोधन किया गया और शिक्षकों को अंतिम मौका दिया गया कि वे घर बैठे ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर लें। वर्ष 2019 के बाद समय नहीं बढ़ाया जायेगा। उन्होंने बताया कि 15 लाख शिक्षकों ने अपना पंजीकरण करा लिया है और इसमें साढ़े बारह लाख शिक्षकों ने पैसे भी जमा करा दिए हैं।

यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम 
किसी एक कोर्स के लिए इतनी बड़ी संख्या में अब तक कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं हुआ है। यह भारत का विश्व रिकार्ड है। उन्होंने कहा कि इस कोर्स के लिए छह हजार रुपये परीक्षा शुल्क है जिसमें डेढ़ हजार रुपये की छूट भी दी गयी है। कोई शिक्षक इन पैसों से दूरदर्शन का डी टी एच लगवा सकता है क्योंकि इस प्रशिक्षण के लिए उसे 1080 लेक्चर सुनने होंगे। उन्होंने बताया कि जिन शिक्षकों ने प्रशिक्षण नहीं प्राप्त किया है, उन्हें डेढ़ साल के भीतर ये लेक्चर सुनने होंगे। इसका अर्थ हुआ की हर रोज तीन घंटे शिक्षकों को पढऩा होगा। अगर उनका स्कूल सुबह है तो वे स्कूल के समय के बाद इसे सुन सकते हैं। अगर दोपहर का स्कूल है तो वे सुबह इसे सुन सकते है। यह सुविधा 24 घंटे मिलेगी। इसके अलावा उन्हें 12-12 दिन की दो कार्यशालाएं भी करनी होंगी।  उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए एक मोबाइल एप्प भी है और एक वेब रेडियो भी शुरू किया गया है।  

नौ अक्टूबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन
जावडेकर ने यह भी बताया कि जिन शिक्षकों के 50 प्रतिशत नंबर बारहवीं में नहीं आये हैं, वे राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से दोबारा परीक्षा देकर 50 प्रतिशत अंक हासिल करेंगे। ऐसे शिक्षक प्रशिक्षण और बारहवीं परीक्षा के लिए दोबारा पढ़ाई साथ साथ कर सकते हैं।  इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि  जिन शिक्षकों ने बीएड कर रखा है और वे पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाते हैं, उन्हें छ: माह का ऑनलाइन ब्रिज कोर्स भी करना होगा क्योंकि प्राइमरी कक्षा के छात्रों के लिए विशेष प्रशिक्षण जरूरी है। उन्होंने बताया की इस ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण नौ अक्टूबर से शुरू होगा।   

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