अब दूसरों को रोजगार दे रहे हैं युवा: मोदी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Aug, 2017 05:10 PM

youngsters are now employing others  modi

देश में रोजगार विहीन आर्थिक वृद्धि की आलोचानाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने...

नई दिल्ली: देश में रोजगार विहीन आर्थिक वृद्धि की आलोचानाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के लिये बिना गारंटी के कर्ज देने की महत्वाकांक्षी योजना से युवा आज न केवल अपने पैरों पर खड़े हुए हैं बल्कि दूसरे को नौकरी भी दे रहे हैं। मोदी ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कारण करोड़ों नौजवान आज अपने पैरों पर खड़े हुए हैं।  मोदी ने 71वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं को बिना गारंटी स्वरोजगार के लिए आठ करोड़ से ज्यादा कर्ज की स्वीकृति दी गयी है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘नौजवानों को बिना गारंटी बैंकों से पैसा मिले इसके लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया गया है पिछले तीन साल में देखा है कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के कारण करोड़ों नौजवान अपने पैरों पर खड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, एक नौजवान एक या दो तीन और लोगों को भी रोजगार भी दे रहा है।’’ उन्होंने कहा कि मांग और प्रौद्योगिकी के कारण हमारे देश में रोजगार प्रवृत्ति में भी बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। रोजगार से जुड़ी योजनाओं में प्रशिक्षण के तरीके में 21वीं सदी की आवश्‍यकताओं के अनुसार, मानव संसाधन के विकास के लिए भारत सरकार ने अनेक नई योजनाएं शुरू की हैं।   विपक्ष के साथ साथ औषधि क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बायोकान की प्रमुख किरन मजूमदार शॉ ने कहा था, ‘हॉ हमें दिख रहा है कि भारत में आर्थिक वृद्धि रोजगार (के नए अवसरों) से विहीन है लेकिन यह आटोमेशन के कारण नहीं है।

इसका कारण औद्योगिक एवं कृषि संबंधी नीतियों की कमी है जिनके कारण बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हो रहा और विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में नौकरियों के अवसरों का सृजन नहीं हो रहा है।’ इस तरह की आलोचनाओं को खारिज करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कुछ समय पहले कहा था कि सात आठ प्रतिशत की आॢथक वृद्धि में श्रमबाजार को कोई फायदा ही नहीं हो रहा हो यह कैसे माना जा सकता है। उन्होंने कहा , रोजगार विहीन आर्थकि वृद्धि के बारे में हम जो तर्क दे रहे हैं वह थोड़े फर्जी हैं। इसमें कुछ दम हो सकता है लेकिन यह थोड़े फर्जी भी है।

उन्होंने मुंबई में कहा था, यदि सात आठ प्रतिशत की वृद्धि हो रही हो तो ऐसा नहीं हो सकता कि श्रम बाजार को इसका फायदा न मिल रहा हो। वृद्धि है तो वह रोजगार विहीन नहीं हो सकती.. रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।  पनगढ़िया ने बिना किसी आंकड़े के समर्थन के कहा था कि बेरोजगारी दर इस समय केवल 3 प्रतिशत के आसपास है।

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