Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 01:44 PM
कोर्ट में केस की सुनवाई के लिए लोगों को कोट के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसमें पैसों की तो बर्बादी होती ही है साथ ही उनका कीमती समय भी खराब हो जाता है। इसी बात पर ध्यान देते हुए चीन में पहली ऑनलाइन कोर्ट का सैटअब बनाया गया और आज पहला केस का...
जालंधर : केस की सुनवाई के लिए लोगों को कोट के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसमें पैसों की तो बर्बादी होती ही है साथ ही उनका कीमती समय भी खराब हो जाता है। इसी बात पर ध्यान देते हुए चीन में पहली ऑनलाइन कोर्ट का सैटअप बनाया गया और आज पहले केस का ट्रायल लिया गया जिसमें सफलता प्राप्त हुई है। चीन की पहली अॉनलाइन कोर्ट हैंगज़हू इंटरनैट कोर्ट में यह केस एक नॉवलिस्ट यानी उपन्यासकार और एक अॉनलाइन वैब कम्पनी के बीच लड़ा गया। इस केस में नॉवलिस्ट ने वैब कम्पनी पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसके नॉवल यानी उपन्यास बिना प्रमिशन के वैब पर अपने रीडर्स तक पहुंचाए हैं।
30 मिनट तक लड़ा गया केस
इस केस में जज और लीगल एजेंट देश के कई भागों से वैब के माध्यम से ही एक दूसरे के साथ कनैक्टिड थे। 30 मिनट तक चलने वाले इस केस में सिर्फ जज साहिब ही बस हैंगजहू के कोर्टरूम में मौजूद थे और बाकी के मैम्बर्स लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से प्रोजैक्टर पर उन्हें देख रहे थे।
ऑनलाइन कोर्ट से समय व पैसों की होगी बचत
अॉनलाइन केस को लड़ने के लिए सभी तरह के डाकुमैन्टस और यहां तक केस भी अॉनलाइन ही दर्ज करवाया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि केस लड़ने की फीस भी अॉनलाइन ही जमा होगी जिससे धोखा-धड़ी से भी बचा जा सकेगा। आपको बता दें कि चीन ऐसा पहला देश नहीं है जिसने ऑनलाइन सुनवाई शुरू की है इससे पहले कनाडा ने भी हाल ही में छोटे-छोटे मुद्दों को सुलझाने के लिए एक अॉनलाइन पोर्टल चलाया है। आपको बता दें कि इंटरनैट कोर्ट की मदद से किसी भी तरह की कोई बाउंड्री नहीं रहेगी यानी देश के सबसे बेहतरीन अनुभवों को भी एक प्लैटफोर्म पर ऑनलाइन सुनवाई के लिए लाया जा सकेगा। इससे समय तो बचेगा ही साथ ही केस को लेकर सटीक परिणाम निकाले जा सकेंगे।