अब न्याय पाने के लिए जरूरतमंदों को दी जाएगी नि:शुल्क कानूनी सहायता

Edited By ,Updated: 04 Oct, 2015 10:48 AM

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निर्धनतम और जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के दृष्टिगत विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली नि:शुल्क कानूनी सहायता के लिए वार्षिक आय सीमा डेढ़ लाख रुपए से बढ़ा कर पांच लाख रुपए तक करने की सिफारिश की है।

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निर्धनतम और जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के दृष्टिगत विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली नि:शुल्क कानूनी सहायता के लिए वार्षिक आय सीमा डेढ़ लाख रुपए से बढ़ा कर पांच लाख रुपए तक करने की सिफारिश की है। खट्टर ने पलवल जिले के हथीन में लगभग आठ करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित उपमंडल न्यायिक परिसर का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि विवादों को कम करने के लिए न्यायपालिका से जुड़े लोगों से अदालत के भीतर और बाहर भी सहमति बनाने पर जोर दिया और कहा कि सही व्यवस्था बनाने से लोगों का प्रशासनिक तंत्र पर भरोसा बढ़ेगा। उन्होंनेे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को राज्य में न्यायिक ढांचे की मजबूती के लिये हरसंभव सहयोग देने का भी भरोसा दिया।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में हाल में आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और न्यायिक अधिकारियों के सम्मेलन का उल्लेख करते हुये कहा कि इसमें उन्होंने दक्षिण हरियाणा के लिए अलग खंडपीठ की मांग, न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कार्य अंग्रेजी के बजाय सभी प्रांतों की स्थानीय भाषाओं में करने तथा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हरियाणा के लिए न्यायाधीशों का अनुपात 60:40 के बजाय 50:50 करने जैसे सुझाव रखे हैं तथा इन पर अमल करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दक्षिण हरियाणा में अलग पीठ स्थापित करने की मांग का अध्ययन करने के लिए न्यायाधीशों की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।

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