Edited By ,Updated: 18 Mar, 2016 11:24 AM
बचपन में ही बच्चे का बहुत ज्यादा मोटा हो जाना, माता-पिता के लिए चिंता का कारण बनता है। विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार, आज हमारे देश में एक चौथाई बच्चे और किशोर मोटापे का शिकार हैं।
बचपन में ही बच्चे का बहुत ज्यादा मोटा हो जाना, माता-पिता के लिए चिंता का कारण बनता है। विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार, आज हमारे देश में एक चौथाई बच्चे और किशोर मोटापे का शिकार हैं। कम उम्र में ही बढ़ता वजन बहुत सी गंभीर बीमारियों को न्योता देता हैं। इससे बच्चे के विकास, दिल, किडनी, घुटनों और अन्य कई महत्वपूर्ण अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।
बच्चों के मोटे होने की वजह
बच्चों का वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण उनकी बदलती लाइफस्टाइल है। माता और पिता, दोनों ही नौकरीपेशा होने की वजह से समय की किल्लत से परेशान रहते हैं, जिसके चलते वह न तो ढंग से बच्चों को खाना खिला पाते हैं और न ही व्यायाम करवाते हैं। वह बच्चों को जंक फूड, तली हुए आहार और बाजारी चीजों का आदी बना डालते हैं। वहीं टैक्नोलॉजी भी किसी हद तक इसकी जिम्मेदार है। टी.वी., इंटरनैट, वीडियों गेम्स ने बच्चों को इतना सुस्त और आलसी बना दिया है कि वह बाहर जाकर खेलना-कूदना तो भूल ही गए हैं। नतीजा सारा दिन एक जगह पर ही बैठे रहना और बाहर का फ्राई खाना चर्बी को बढ़ाता है जो मोटापा की वजह बनती है। ज्यादा कैलोरी का सेवन और व्यायाम की कमी मोटापे का मुख्य कारण है।
पैरेंट्स उठाएं ये जरूरी कदम
-बच्चे को फिट एंड फाइन रखने की जिम्मेदारी आपकी ही बनती है। उन्हें बाहर का खाना खिलाने की बजाए घर में ही हर तरह का पौष्टिक आहार खिलाएं और बच्चे के साथ-साथ खुद भी एक्सरसाइज करें।
-हर वक्त कुछ ऊट-पटांग खाते रहने की बजाए उन्हें सही समय अंतराल के अनुसार खाना दें।
-जंक फूड मोटापे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है। कोल्ड ड्रिंक, जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, तली हुई चीज़ें जैसे- चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, मक्खन और पनीर का अत्यधिक उपयोग, ब्रेड, बिस्कुट, कैंडीज, आइसक्रीम, चॉकलेट, पिज्जा, बर्गर खाने से बच्चों को रोकें।
-कम कैलोरी वाले खाने की लिस्ट बनाएं और उसी के अनुसार बच्चे के लिए हैल्दी डाइट चार्ट तैयार करें।
-बहुत सारे बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं करते। लेकिन बच्चों को नाश्ता करने की आदत जरूरत डालें क्योंकि इससे उन्हें एनर्जी मिलती है, जिससे वह सारा दिन चुस्त रहते हैं।
-उनके आहार में मेवे, दूध, सलाद और फलों को जरूर शामिल करें। मीठी चीजों से परहेज करवाएं।
- उन्हें खूब पानी पीने के लिए बोलें। उनकी गतिविधियों पर नजर रखें कि वह कितनी बार शौचालय जाते हैं।
-बैडमिंटन, तैराकी, वॉलीवाल जैसी आउटडोर गेम्स खेलने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
- टीवी-इंटरनैट देखने के लिए 1 घंटे का समय निर्धारित करें ताकि वह सारा दिन इसी से न चिपका रहें।