Edited By ,Updated: 07 Feb, 2016 03:03 PM
कुछ लोगों का सोचना यह है कि हुक्का पानी सिगरेट से ज्यादा खतरनाक नहीं है अगर आपकी सोच भी यही हैं तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं।
कुछ लोगों का सोचना यह है कि हुक्का पानी सिगरेट से ज्यादा खतरनाक नहीं है अगर आपकी सोच भी यही हैं तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। हक्के से खींचा गया तंबाकू का धुआं पानी से होते हुए लंबे होज पाइप के जरिए फेफड़ों तक पहुंचता है। लोग सोचते हैं कि पानी में आने के बाद हुक्के का धुआं हानिकारक नहीं रहता। वैसे भारत में आजकल हुक्का बार काफी पॉपुलर होते जा रहे हैं। यंगस्टर्स हुक्के के एक कश नहीं बल्कि हजार कश लेते हुए आपको दिख जाएंगे।
आज हम आपको इसके मिथक और नुकसान बताते हैं:-
मिथक 1: हुक्का सिगरेट जितना नुकसान नहीं पुहंचाता।
सच तो यह है कि हुक्का पीना सिगरेट की ही तरह हानिकारक है क्योंकि दोनों के अंत में कार्सिनोजन लगा होता है जो कैंसर को न्योता देता है।
मिथक 2: हुक्के में मिलाया जाने वाला फ्लेवर स्वास्थ के लिए फायदेमंद है।
इसमें किसी भी तरह की सच्चाई नहीं है। हुक्के का स्वाद बदलने के लिए केवल उसमें फ्रूट सीरप मिलाया जाता है, जिससे उसके फ्लेवर में बदलाव आ जाता है। इसलिए हुक्का पीकर ऐसी आशा न करें कि आपको कोई विटामिन मिल रहा है।
मिथक 3: हुक्के के धुएं में निकोटीन कम होता है।
हुक्के की तम्बाकू में निकोटिन होता है जो हुक्का पीने पर हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं। यह हानिकारक पदार्थ निकोटिन हाथ-पैरों की खून की नलियों में धीरे-धीरे कमजोरी व सिकुड़न पैदा करना शुरू कर देता है।
मिथक 4: हुक्के में मौजूद पानी सभी विषैले तत्वों को फिल्टर कर देता है।
यह बिल्कुल गलत है बल्कि यह आपको सिगरेट की तरह ही नुकसान पहुंचाता है। पानी धुएं को फिल्टर नहीं करता।
मिथक 5: हुक्का पीने की लत नहीं लग सकती ।
यह गलत धारणा है कि हुक्के का कोई आदि नहीं हो सकता। सिगरेट की तरह इसमें भी निकोटीन होता है इसलिए इसकी लत लग सकती है।
मिथक 6: हुक्का फेफडे़ को नहीं जलाता।
हुक्के का धुआं ठंडा होने के बाद भी नुकसान पहुंचाता होता है। इसमें कैंसर पैदा करने वाले एजेंट भारी मात्रा में होते हैं हांलाकि यह फेफडे़ को जलाता नहीं है।
मिथक 7: मिथक हुक्के की पाइप शेयर करने से कोई नुकसान नहीं है।
आप जितनी बार भी हुक्के की पाइप को शेयर करेंगे। आपको उतनी ही बार संक्रमण, हर्पीस या अन्य बीमारियां फैलने का खतरा हो सकता है।