Edited By ,Updated: 22 Jan, 2015 11:22 PM
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने साफ किया है कि कर्मचारियों की रिटायरमैंट की उम्र नहीं बढ़ेगी और न ही एक्सटैंशन (सेवा विस्तार)दी जाएगी।
ऊना: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने साफ किया है कि कर्मचारियों की रिटायरमैंट की उम्र नहीं बढ़ेगी और न ही एक्सटैंशन (सेवा विस्तार)दी जाएगी। रिटायरमैंट 58 वर्ष में होगी। यह बात उन्होंने वीरवार को प्रैस क्लब ऊना द्वारा आयोजित प्रैस से मिलिए कार्यक्रम में उद्योग, सूचना एवं जनसम्पर्क व संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री तथा वित्तायोग के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप कुमार सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में अलग से वेतन आयोग गठित करने पर विचार किया जा सकता है। हिमाचल पूरी तरह से सक्षम है और अपना वेतन आयोग गठित करने की स्थिति में है। दूसरे की जेब को देखकर खर्चा नहीं किया जा सकता है। हिमाचल सरकार पंजाब वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों को ही हिमाचल में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन पंजाब सरकार द्वारा अपने स्तर पर दी गई वित्तीय सुविधाओं व भत्तों को देने के लिए बाध्य नहीं है। उन्होंने कहा कि धूमल सरकार ने चुनाव के दौरान पंजाब सरकार द्वारा कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारियों को जो वित्तीय लाभ देने का ऐलान किया था वह सही नहीं था। ऐसा केवल पूर्व धूमल सरकार द्वारा चुनावी लाभ को ध्यान में रखकर ही किया गया था।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने धूमल सरकार के जल्दबाजी में लिए गए फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए करोड़ों रुपए वित्तीय नुक्सान झेला है। करीब 1400 से 1500 करोड़ रुपए उनकी सरकार ने धूमल द्वारा जल्दबाजी में की गई घोषणा को पूरा करने पर खर्च किए हंै। पंजाब की कैबिनेट सब कमेटी के फैसले को हिमाचल में लागू करना पूरी तरह से गलत था। उन्होंने कहा कि 13वें वित्तायोग के समक्ष धूमल सरकार ने सही पक्ष नहीं रखा जिससे 10 हजार करोड़ रुपए का नुक्सान प्रदेश को हुआ है। 14वें वित्तायोग में सरकार दृढ़ता से अपना पक्ष रखेगी।