वीरभद्र पेश कर सकते हैं टैक्स फ्री बजट

Edited By ,Updated: 17 Mar, 2015 10:49 PM

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मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 18 मार्च को 18वां बजट प्रस्तुत करेंगे। पहले की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री की तरफ से टैक्स फ्री बजट प्रस्तुत किए जाने की संभावना है।

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 18 मार्च को 18वां बजट प्रस्तुत करेंगे। पहले की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री की तरफ से टैक्स फ्री बजट प्रस्तुत किए जाने की संभावना है। केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कटौती किए जाने का असर इस बजट पर भी पडऩे की संभावना है। केंद्रीय बजट में विशेष श्रेणी राज्य का उल्लेख न होने से हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली उदार वित्तीय मदद कम हो गई है। इससे राज्य सरकार को विकास के लिए अपने स्तर पर संसाधनों को जुटाना होगा। बजट में कोई नया कर इसलिए नहीं लगने की संभावना है क्योंकि राज्य की आबकारी नीति पहले ही आ जाती है और समय-समय पर मंत्रिमंडल बैठक में निर्णय लेकर टैक्स सहित अन्य शुल्क लगाए जाते रहे हैं। नियमित व अनुबंध कर्मचारियों को बजट से उम्मीदें हैं।

कर्मचारियों के सेवा विस्तार और 4-9-14 की वेतन विसंगति को लेकर भी कर्मचारी आस लगाए बैठे हैं। इस बजट पर प्रदेश की जनता की नजरें भी टिकी हैं, ऐसे में किसान व बागवानों को लेकर किसी तरह की घोषणा की जा सकती है। ङ्क्षसगल गल्र्स चाइल्ड होने पर राशि को बढ़ाने सहित कई अन्य घोषणाएं भी हो सकती हैं। उद्योग जगत, सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य पर बजट में विशेष ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है।

नगर निगम शिमला, स्थानीय निकायों, पंचायतीराज संस्थाओं, प्रदेश के विश्वविद्यालयों, निगम व बोर्ड विशेषकर एचआरटीसी और बिजली बोर्ड लिमिटेड को अनुदान व राशि को बढऩे की संभावना है। अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की सीमा को 5 साल भी किया जा सकता है। इसी तरह दैनिक वेतन भोगियों को दिहाड़ी बढऩे की उम्मीद है। 14वें वित्तायोग की तरफ से राज्य सरकार को 40,625 करोड़ रुपए दिए जाने के बावजूद हिमाचल प्रदेश के अच्छे दिन नहीं आए हैं। इसका कारण केंद्र प्रायोजित योजनाओं में करीब 4,000 करोड़ रुपए तक की कटौती होना है। हालांकि मनरेगा जैसी योजना में जरूर राहत मिलने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि राज्य को पहले सामान्य केंद्रीय सहायता (एनसीए) के तहत 1,650 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद मिली थी जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। विशेष केंद्रीय सहायता (एसपीए) के तहत 850 करोड़ रुपए मिले थे लेकिन अब इसे 500 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यानि केंद्र की तरफ से मिलने वाली तीनों तरह की मदद अब नहीं मिलेगी, साथ ही केंद्र सरकार ने पहाड़ी राज्य को मिलने वाली विशेष केंद्रीय सहायता समाप्त कर दी है। इसके अलावा करीब 31 केंद्रीय योजनाओं को खत्म कर दिया है, ऐसे में संभव है कि प्रदेश के बजट पर इसका असर साफ देखा जा सकेगा।

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