धर्मांतरण देश की एकता-अखंडता के लिए घातक : धूमल

Edited By ,Updated: 14 Apr, 2015 07:46 PM

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केवल धर्मांतरण के कारण ही राष्ट्रांतरण होता है। धर्मांतरण नहीं होता तो आज अखंड भारत होता और दुनिया की कोई ताकत आपके आगे नहीं टिक पाती।

हमीरपुर: केवल धर्मांतरण के कारण ही राष्ट्रांतरण होता है। धर्मांतरण नहीं होता तो आज अखंड भारत होता और दुनिया की कोई ताकत आपके आगे नहीं टिक पाती। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मंगलवार को स्थानीय टाऊन हाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में संविधान निर्माता डा. भीम राव अम्बेदकर जी की 125वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

धूमल ने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तो धर्मांतरण के नाम पर पाक अलग हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में अगर किसी का सबसे बड़ा योगदान है तो वह सिर्फ भारत रतन डा. भीमराव अम्बेदकर जी का है। जिनकी आज 125वीं जयंती को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय महत्व का कार्यक्रम है तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का धन्यवाद करता हूं कि पूरे देश की एकता-अखंडता और समरसता के लिए डा. भीमराव अम्बेदकर जी की जयंती हर जिला स्तर पर आयोजित की जा रही है।

इस अवसर पर धूमल ने पाञ्जनय पुस्तिका का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अगर किसी ने कमजोर किया है तो वह है जात-पात और छूआछूत लेकिन डा. भीमराव अम्बेदकर ने इस कुरीति को खत्म करने के लिए जो प्रयास किए हैं वह बहुत ही सराहनीय रहे हैं जिनकी बदौलत आज देश में जात-पात व छूआछूत जैसी कुरीतियां खत्म हुई हैं। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अम्बेदकर जो खुद संघर्ष व उपेक्षा के शिकार रहे लेकिन उन्होंने शिक्षा की लौ को आगे बढ़ाकर अपने जीवन में उभरकर सामने आए थे और जब भारत के संविधान का निर्माण होना था तो उस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे।

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