मंत्री बनने के लिए उतावलापन दिखा रहे हैं धर्माणी

Edited By ,Updated: 27 May, 2015 11:49 AM

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस के वह वरिष्ठ नेता हैं जो पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अब सोनिया गांधी के नेतृत्व में लगातार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके हैं।

शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस के वह वरिष्ठ नेता हैं जो पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अब सोनिया गांधी के नेतृत्व में लगातार हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर चुके हैं। 6 बार मुख्यमंत्री बनने वाले भी देश के वह इकलौते नेता हैं। मुख्यमंत्री के अलावा, केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर भी वह कई बार रह चुके हैं। 80 वर्षीय वीरभद्र सिंह सक्रिय राजनीति में 53 वर्ष पूरे कर चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी वह जनता की  समस्याओं के हल, सरकार के संचालन और प्रदेश के विकास में पूरी तरह से शामिल रहते हैं। अपने राजनीतिक विरोधियों के लिए आज भी वह किसी खौफ से कम नहीं हैं।

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पंजाब केसरी से खास बातचीत के दौरान अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन में 53 वर्ष पूरे करने, मंत्रियों द्वारा अपना दायित्व निभाने बारे, मंत्रिमंडल में हमेशा एकमत होने बारे तथा राजेश धर्माणी द्वारा इस तरह से पत्र लिखने बारे बताया। उन्होंने कहा कि राजेश धर्माणी मंत्री बनना चाहते हैं और उसके लिए खुद का आकलन करते फिर रहे हैं। हाईकमान को पत्र लिखकर उन्होंने अपने हल्केपन को दर्शाया है, ऐसा उतावलापन उनके लिए ठीक नहीं है। मुझ पर कोई दबाव नहीं डाल सकता, मैं खुद में सक्षम हूं और मुझे पता है कि कब क्या करना है। मैं सबको मंत्री नहीं बना सकता क्योंकि संविधान की बंदिश है। मैंने हरेक क्षेत्र को सरकार के अंदर प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।

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