15 वर्षों से जंजीरों में कैद है यह 'बेजुबान'

Edited By ,Updated: 31 May, 2015 09:55 PM

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ज्वाली उपमंडल के अंतर्गत एक गांव मानवता शर्मसार हुई यहां एक मानसिक रूप से अस्वस्थ बेजुबान लड़की को घर के पास संगल से बांध कर रखा गया है

ज्वाली: ज्वाली उपमंडल के अंतर्गत एक गांव मानवता शर्मसार हुई यहां एक मानसिक रूप से अस्वस्थ बेजुबान लड़की को घर के पास संगल से बांध कर रखा गया है जिससे उक्त लड़की पिछले 15 वर्षों से पशुओं जैसा जीवन व्यतीय कर रही है लेकिन आजतक सरकार व प्रशासन ने इस लड़की की सुध नहीं ली है। उक्त प्रकरण से देश व प्रदेश की सरकारों के महिला सशक्तिकरण के दावों की पोल खुल गई है।

इस मामले की सूचना मिलने पर हि.प्र मानव अधिकार मंच की टीम प्रदेशाध्यक्ष मनोज शर्मा के साथ गांव में उक्त लड़की के घर पहुंची तो मंच के सदस्य यह देखकर स्तब्ध रह गए कि एक करीब 22 साल की लड़की घर के समीप एक खेत में कड़कती धूप में संगल डाल कर बंाध कर रखी थी। लिहाजा संगली से छूटने के लिए किए गए प्रयासों से लड़की कई जगह से लहूलुहान हो चुकी थी मानव अधिकार मंच के प्रदेशाध्यक्ष मनोज शर्मा ने लड़की पर हो रहे अत्याचार पर परिजनों से रोष प्रकट किया। लड़की के परिजनों से आग्रह किया वह किसी भी लड़की को ऐसे बांध कर नहीं रख सकते हैं।

लड़की की माता ने व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनके पास एक ही कमरा है। अत: जब भी इसकी संगल खोलते हैं तो लड़की आवेशित होकर घर के लोगों व आसपास के लोगों को मारना शुरू कर देती है जिस वजह से इसे बांध कर रखा गया है। माता ने कहा कि उसकी लड़की पिछले 15 वर्षों से मानसिक रूप से अस्वस्थ है लेकिन आजतक उसे लड़की के इलाज के बारे फूटी कोड़ी सरकार की तरफ से नहीं मिली है न ही लड़की के लिए कोई राशन दिया गया है।

लड़की की माता ने यह भी आरोप लगाया है कि स्थानीय पंचायत प्रधान ने भी उनकी दयनीय स्थिति के मद्देनजर सरकार से कोई सहायता नहीं दिलवाई है। उसको इस बात का रंज है कि राजनेताओं ने उनकी बीमार लड़की का जैसे-तैसे वोट बनवाकर हर चुनाव में उसे पोलिंग बूथ पर ले जाकर वोट डलवाया लेकिन उसकी दयनीय स्थिति पर किसी राजनेता को तरस नहीं आया है। मानव अधिकार मंच के प्रदेशाध्यक्ष मनोज शर्मा ने उक्त घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि उक्त लड़की के इलाज का प्रबंध किया जाए तथा लड़की के रहने व खाने-पीने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। अगर 15 दिनों के भीतर उक्त लड़की के बारे प्रशासन व सरकार ने उचित कदम नहीं उठाए तो मानव अधिकार मंच इस मामले बारे हाईकोर्ट शिमला में एक याचिका दायर करेगा। इस बारे पंचायत प्रधान का कहना है कि उक्त परिवार को बीपीएल में डाला गया है तथा बीपीएल के तहत उक्त परिवार को सस्ता राशन दिया जाता है उक्त लड़की को सामाजिक सुरक्षा पैंशन भी लगाई गई है।

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