Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2017 01:33 PM
आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर सौतेले व्यवहार का शिकार हो रहा है। हाल यह है कि पिछले 2 साल से जुगाड़ के बिजली कनैक्शन पर चल रहे अस्पताल को बिजली का बिल भी कई गुना ज्यादा देना पड़ रहा है मगर घाटे के इस सौदे पर सब आंखें मूंदे हुए हैं क्योंकि पैसा तो आम...
हमीरपुर : आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर सौतेले व्यवहार का शिकार हो रहा है। हाल यह है कि पिछले 2 साल से जुगाड़ के बिजली कनैक्शन पर चल रहे अस्पताल को बिजली का बिल भी कई गुना ज्यादा देना पड़ रहा है मगर घाटे के इस सौदे पर सब आंखें मूंदे हुए हैं क्योंकि पैसा तो आम जनता की जेब से ही जा रहा है। जानकारी के अनुसार आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर का उद्घाटन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा करीब 2 साल पहले 11 अप्रैल, 2015 को किया गया था जबकि उस समय अस्पताल भवन से संबंधित औपचारिकताएं भी पूरी नहीं थीं। अब अस्पताल के पास अपना ट्रांसफार्मर न होने के कारण अस्पताल प्रशासन को अस्थायी कनैक्शन के कारण 10 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल देना पड़ता है। यदि अस्पताल का अपना ट्रांसफार्मर लग जाए तो अस्पताल प्रशासन को 2.80 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से देने पड़ेंगे। जानकारी के अनुसार अपना कनैक्शन लगवाने के लिए अस्पताल प्रशासन को 18,32,695 रुपए विद्युत बोर्ड के पास जमा करवाने थे। अस्पताल प्रशासन ने इस साल 22 अप्रैल को पैसे जमा करवा दिए हैं।
ट्रांसफार्मर लगने से सुचारू होंगी बिजली-पानी सेवाएं
4 मंजिला इमारत वाला आयुर्वैदिक अस्पताल जोकि जल्द ही 30 बैड से 50 बैड वाला बनने वाला है तो ऐसे में विद्युत की सही और सुचारू सप्लाई की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। अस्पताल में पानी की कमी के समर्सीबल पम्प की सुविधा भी होगी तो उसके लिए अतिरिक्त बिजली की जरूरत होगी। ऐसे में अस्पताल का अपना ट्रांसफार्मर लगना और भी जरूरी हो जाता है।
वर्तमान में हो रही 440 वाट की खपत
वर्तमान समय में अस्पताल में लगभग 440 वाट बिजली की खपत होती है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है, जिसमें सभी की हानि है। यदि ट्रांसफार्मर जल्द लग जाए तो अस्पताल प्रशासन बेकार के व्यय से बच जाएगा और उक्त राशि को कहीं और विकास के कार्य में लगाया जा सकेगा।