एलियन तारे को लेकर हैरत में वैज्ञानिक !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 06:08 PM

alien star mystery puzzles astronomers

यूं तो पूरा ब्रह्मांड ही एक अबूझ पहेली है, लेकिन पिछले कुछ समय से दुनियाभर के खगोलशास्त्री एक अजीब सी दुविधा में फंसे हुए हैं...

वॉशिंगटन: यूं तो पूरा ब्रह्मांड ही एक अबूझ पहेली है, लेकिन पिछले कुछ समय से दुनियाभर के खगोलशास्त्री एक अजीब सी दुविधा में फंसे हुए हैं। इसकी वजह है एक अनोखा खगोलीय पिंड। यह पिंड काफी रहस्यमय है। इससे जुड़ी बातें इसे किसी भी अन्य ज्ञात तारे से अलग बनाती हैं। इसी अनोखेपन के कारण खगोलशास्त्री इसे 'ऐलियन मेगास्ट्रक्चर' का नाम दिया है।

कुछ ही दिनों के अंदर इस पिंड की करीब 22 फीसदी रोशनी घट गई है। महज थोड़े से समय में ही इसकी रोशनी 22 प्रतिशत तक कम हो जाने से खगोलशास्त्रियों अचंभे में हैं। इस तारे की चमक समय-समय पर घटती-बढ़ती रहती है। यह तारा धरती से लगभग 1,300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इस खगोलीय पिंड का आधिकारिक नाम 'KIC 8462852' है। इसने वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है। इस पिंड की रोशनी ना केवल नियमित तौर पर कम होती जाती है, बल्कि कुछ समय बाद इसकी स्वाभाविक चमक फिर से वापस भी आ जाती है। 

इस तरह का स्वभाव किसी भी अन्य ज्ञात तारे में नहीं देखा गया है। वैज्ञानिक इस तारे की इस अजीबोगरीब आदत को समझने की कोशिश कर रहे हैं। नैशनल जिऑग्राफ़िक मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तारे को सबसे पहले 2015 में देखा गया था। कैप्लर स्पेस टेलिस्कोप की मदद से तब यह पहली बार नजर आया था। यह टेलिस्कोप दूर के तारों की चमक में आ रहे अंतर पर नजर रखता है। वैज्ञानिक समझ नहीं पा रहे हैं कि इस तारे की प्रक्रिया बाकी तारों से इतनी अलग कैसे है। तारा अगली बार कब मंद पड़ेगा, इसका अंदाजा लगाना भी संभव नहीं है। 
 

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