Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 05:37 PM
पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने वैश्विक स्थिरता एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए परस्पर इच्छा को रेखांकित करते हुए कहा है कि अमरीका के लिए भारत‘‘ सबसे बड़ा रणनीतिक अवसर’’ है और भारत द्विपक्षीय संबंधों को
वाशिंगटनः पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने वैश्विक स्थिरता एवं नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए परस्पर इच्छा को रेखांकित करते हुए कहा है कि अमरीका के लिए भारत‘‘ सबसे बड़ा रणनीतिक अवसर’’ है और भारत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए और अधिक खुलापन दिखा रहा है। प्रशांत कमान के अमेरिकी कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से यह भी कहा कि‘ क्वाड’ समान विचारों वाले देशों का एक महत्वपूर्ण विचार है जो कि भारत... प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपट सकता है। ‘क्वाड’ में भारत, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं।
हैरिस ने कहा कि अमरीका और भारत विभिन्न राजनीतिक, आॢथक और सुरक्षा मुद्दों पर स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि भारत अमरीका के लिए सबसे बड़ा रणनीतिक अवसर है। हम लोकतांत्रिक मूल्य साझा करते हैं, हम एक जैसी ङ्क्षचताएं साझा करते हैं और हम भारत.. प्रशांत क्षेत्र में अक्सर साथ काम करते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्थिरता के लिए परस्पर इच्छा और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के समर्थन के साथ अमरीका और भारत के हितों का अभिसरण बढ़ रहा है जिसमें समुद्री सुरक्षा और अधिकारक्षेत्र जागरूकता, जलदस्यु निरोध और प्राकृतिक आपदाओं एवं अंतरराष्ट्रीय खतरों पर समन्वित प्रतिक्रिया शामिल है।
उन्होंने इसका उल्लेख किया कि भारत अपने बढ़ते प्रभाव एवं सैन्य विस्तार के चलते आने वाले वर्षों में अमरीका के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में जब राजनेताओं की एक नयी पीढ़ी उभरी है भारत ने यह दिखाया है कि वह अमरीका के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत करने को लेकर अधिक खुला हुआ है तथा साझा रणनीतिक हितों के लिए गुटनिरपेक्षता की अपनी ऐतिहासिक नीति का समायोजन कर रहा है। हैरिस की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब चीन पूर्वी और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। अमरीका अपने‘‘ नौवहन की स्वतंत्रता’’ अभियान के तहत दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत भेजता रहा है। हैरिस ने कहा कि भारत के साथ रक्षा बिक्री अब तक के सबसे उच्च स्तर पर हैं ।