Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 07:32 PM
पाकिस्तान के 3 करीबी देशों ने एकजुट होकर अमेरिका को बड़ा झटका दे दिया। ट्रंप प्रशासन द्वारा इस्लामाबाद को टेरर-वित्तीय निगरानी सूची में डाले जाने की कोशिश को रोकने के लिए चीन, सऊदी अरब और तुर्की ने हाथ मिला लिया है।
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के 3 करीबी देशों ने एकजुट होकर अमेरिका को बड़ा झटका दे दिया। ट्रंप प्रशासन द्वारा इस्लामाबाद को टेरर-वित्तीय निगरानी सूची में डाले जाने की कोशिश को रोकने के लिए चीन, सऊदी अरब और तुर्की ने हाथ मिला लिया है। अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। वहीं पाकिस्तान इसे अपनी बड़ी जीत मान रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार यह पहला ऐसा मामला है जिसमें सऊदी अरब और ट्रंप प्रशासन के बीच सहमति नहीं बन पाई है। रिपोर्ट में कहा गया कि सऊदी अरब खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की वजह से ऐसा कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अभी भी इस कोशिश में है कि FATF इस पर जल्द फैसला ले सके। बुधवार को पाकिस्तान ने दावा किया कि टैरर फंडिंग की निगरानी सूची में शामिल कराने की अमेरिका और उसके गठबंधन देशों की कोशिशों को विफल कर दिया है। पेरिस के अंतरराष्ट्रीय वॉचडॉग ने उसे इस मामले में तीन महीने की छूट दे दी है।
अमेरिका ने की थी सहायता राशि रोकने की घोषणा
बता दें कि 3 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने ऐलान किया था कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को पनाह देना बंद नहीं किये जाने तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उसकी सहायता राशि रोकने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने आतंकवादियों को ‘सुरक्षित पनाह’ दिया और इस दौरान अमेरिका से 33 अरब डॉलर की सहायता राशि ली, बदले में पिछले 15 वर्षों में केवल धोखा दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की सहायता राशि रोकने की घोषणा की थी।