Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 02:42 PM
शरीर में कोई अंग काम न करे या किसी तरह की कमी हो जाए तो जीना मश्किल हो जाता है...
सिडनीः शरीर में कोई अंग काम न करे या किसी तरह की कमी हो जाए तो जीना मश्किल हो जाता है। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद 33 साल की एशले कर्रपाइल जीने की कोशिश कर रही है। एशले का सिर्फ आधा शरीर है, उनका दायां हाथ नहीं है जबकि पैर पैरालिसिस अटैक ये ग्रसित है।
उन्हें चलने फिरने से लेकर उठने-बैठने तक किसी न किसी का सहारा लेना पड़ता है। वह एक जिंदा मूर्ति बन चुकी हैं जो खुद हिल-डुल भी नहीं सकतीं।
एशले को फायब्रोडीस्पलासिया ओसिफिकंस प्रोग्रेसिविया (fibrodysplasia ossificans progressiva) से पीड़ित हैं।
इस बीमारी में शरीर की मांसपेशियां धीमे-धीमे हड्डियों में तब्दील हो जाती हैं।इसी क्रम में यह बीमारी उनका दाहिना हाथ लील चुकी है। दुनिया में सिर्फ 800 लोग ही इस बीमारी से ग्रसित हैं। 20 लाख लोगों में किसी एक को यह बीमारी अपना शिकार बनाती है।
एशले बताती हैं कि जब वो अढ़ाई साल की थी तब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है। डॉक्टर्स ने इसका काफी ईलाज किया। बाद में पता चला कि वह तो ट्यूमर था जिसके चलते एशले का दायां हाथ हटा दिया गया, जिससे यह पूरे शरीर में न फैले। हालांकि यह उनके दाएं पैर पर असर डाल चुका है। एशले का दायां पैर पैरलाइज हो गया है।