संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत ने PAK को सुनाई खरी-खरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 11:19 AM

at united nations india raises questions about source of terror funding

पाकिस्तान का सीधे-सीधे जिक्र किए बिना भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से उन स्रोतों का पता लगाने को कहा है जहां से अफगानिस्तान में सरकार विरोधी तत्व दुनिया में ...

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान का सीधे-सीधे जिक्र किए बिना भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से उन स्रोतों का पता लगाने को कहा है जहां से अफगानिस्तान में सरकार विरोधी तत्व दुनिया में सर्वाधिक बड़े सामूहिक सैन्य बलों से लड़ने के लिए हथियार, प्रशिक्षण और धन हासिल कर रहे हैं। 


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने कल कहा,‘‘हम इस चलन में बढ़ावा देख रहे हैं कि अफगानिस्तान में हिंसा को रोजमर्रा की घटना के रूप में लिया जा रहा है ।आतंकवादियों और अपराधी नेटवर्को की नृशंसता को सरकार विरोधी तत्वों या गृह और राजनीतिक संघर्ष के परिणाम के रूप में नजरअंदाज कर दिया जाता है। ऐसा करके हम कुछ महत्वपूर्ण सवालों को सामने लाने में विफल नजर आते हैं ।’’


सरकार विरोधी तत्व कहां से हासिल कर रहे हैं हथियार, विस्फोटक,धन 
अफगानिस्तान के संबंध में सुरक्षा परिषद की एक बैठक को संबोधित करते हुए, बिना किसी लाग लपेट के अकबरूद्दीन ने कहा कि ये सरकार विरोधी तत्व कहां से हथियार , विस्फोटक, प्रशिक्षण तथा धन हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘उनको सुरक्षित शरण कहां मिलती है? ये कैसे हो सकता है कि ये तत्व दुनिया में सबसे बड़े सामूहिक सैन्य प्रयासों में से एक के खिलाफ खड़े हो गए हैं? ये कैसे संभव हुआ है कि ये तत्व अफगान लोगों की हत्याओं पर उन पर बर्बरता में दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं?’’


पाक को सुनाई खरी-खरी
अकबरूद्दीन की ये टिप्पणियां परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संबंध में थीं जिस पर भारत और अफगानिस्तान दोनों आतंकवादी समूहों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने इस बात को भी दोहराया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच भेद नहीं करना चाहिए और साथ ही उन्होंने एक समूह को दूसरे समूह के खिलाफ खड़ा करने के प्रयासों की भी निंदा की।


आतंकवादी संगठनों का किया जिक्र
भारतीय राजदूत ने कहा,‘‘तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, अल कायदा, दाएश, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद तथा उनके अन्य समूह सभी आतंकवादी संगठन हैं। इनमें से कई को संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित कर रखा है। उन सभी को आतंकवादी संगठन माना जाए और उनकी गतिविधियों को किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’

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