बेनजीर हत्याकांड मामला: मुशर्रफ भगोड़ा घोषित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 06:50 PM

benazir bhutto murder case pakistan anti terror court set to announce verdict

पाकिस्तान में आज एक आतंकवाद निरोधक अदालत करीब एक दशक पुराने बेनजीर भुट्टो हत्याकांड मामले में फैसला सुना सकती है।  दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकीं बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 में...

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आज एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने करीब एक दशक पुराने बेनजीर भुट्टो हत्याकांड मामले में पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया तथा दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17 साल जेल की सजा सुनाई।   
PunjabKesariपाकिस्तान में दो बार प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी। हत्या के तत्काल बाद मामला दर्ज किया गया था जिसकी सुनवाई कल रावलपिंडी में खत्म हुई। सुनवाई के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए। हत्या के समय बेनजीर की उम्र 54 साल थी।PunjabKesariआतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश असगर खान ने आज इस मामले में फैसला सुनाया।अदालत में रावलपिंडी के पूर्व सीपीओ सउद अजीत और रावल टाउन के पूर्व पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद मौजूद थे। अजीज और शहजाद को 17 साल जेल की सजा सुनाई गई। अदालत ने उन्हें पांच-पांच लाख रूपए का जुर्माना अदा करने का भी निर्देश दिया।  
PunjabKesariअदालत ने पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया और मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया। उनकी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया गया है। जब बेनजीर की हत्या की गई थी तब परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और वह भी बेनजीर मामले में एक आरोपी थे। पांचों संदिग्धों के खिलाफ मुख्य सुनवाई जनवरी 2008 में शुरू हुई जबकि मुशर्रफ, अजीज तथा शहजाद के खिलाफ सुनवाई फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की नई जांच के बाद 2009 में शुरू की गई।  इस अवधि में आठ अलग अलग न्यायाधीशों ने मामले की सुनवाई की जिन्हें विभिन्न कारणों से बदला भी गया। 
 
आरोपियों में मुशर्रफ भी शामिल
संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) के मुख्‍य अधिवक्‍ता मोहम्‍मद अजहर चौधरी ने प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) के पूर्व मुखिया व एक मौलाना के बीच बातचीत के ऑडियो रिकॉर्ड के प्रमाण तथा फोन कॉल्‍स के सबूतों को खारिज कर दिया जिसमें बेनजीर की हत्‍या के लिए आतंकियों को बधाई दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने जांचकर्ताओं को गुमराह करने और अपने आपको बचाने के लिए यह कहानी गढ़ी है। चौधरी ने दावा किया कि जनरल मुशर्रफ ने अपने सहयोगी रिटायर्ड ब्रिगेडियर जावेद इकबाल चीमा के जरिए मनगढंत कहानी बनाई। उनके अनुसार, जनरल मुशर्रफ भी आरोपी थे और बेनजीर की हत्‍या के लिए साजिश की थी।


ये था मामला
पाकिस्‍तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में एक चुनाव प्रचार के दौरान हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान का एक बड़ा तबका उन्हें भ्रष्टाचारी के तौर पर देखने लगा था और बाद में भ्रष्‍टाचार का दोषी ठहराए जाने के बाद बेनजीर ने 1999 में पाकिस्तान छोड़ दिया। वे दुबई में रहने लगीं। लेकिन पाकिस्तान की सैनिक सरकार ने बेनजीर पर लगे विभिन्न आरोपों की जांच में उन्हें निर्दोष पाया जिसके बाद वे 18 अक्टूबर 2007 में पाकिस्तान वापस आ गईं। 

 

 

 

 

 

 

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