Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 03:28 PM
नौवहन अधिकारों की स्वतंत्रता पर जोर देने के लिए ब्रिटेन का युद्धपोत अगले महीने ऑस्ट्रेलिया से रवाना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह युद्धपोत दक्षिण चीन सागर से होते हुए आगे बढ़ेगा। बता दें कि ब्रिटेन का यह कदम चीन को नाराज कर...
सिडनीः नौवहन अधिकारों की स्वतंत्रता पर जोर देने के लिए ब्रिटेन का युद्धपोत अगले महीने ऑस्ट्रेलिया से रवाना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह युद्धपोत दक्षिण चीन सागर से होते हुए आगे बढ़ेगा। बता दें कि ब्रिटेन का यह कदम चीन को नाराज कर सकता है।
चीन संसाधन समृद्ध है और लगभग संपूर्ण दक्षिण चीन सागर पर अपना हक होने का दावा करता है। वह सागर में चट्टानों और टापुओं को द्वीपों में बदल रहा है।इसके साथ ही चीन दक्षिण चीन सागर पर सैन्य सुविधाएं भी स्थापित कर रहा है। ब्रिटिश रक्षा सचिव गैविन विलियमसन ने कहा कि पनडुब्बी रोधी फ्रिगेट एचएमएस सदरलैंड इस सप्ताह के आखिर में ऑस्ट्रेलिया पहुंचेगा। उन्होंने सिडनी और कैनबरा की दो दिवसीय यात्रा के बाद मीडिया से कहा कि हम देश वापसी के दौरान दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरेंगे और यह स्पष्ट करेंगे कि नौसेना के पास ऐसा करने का अधिकार है।
हालांकि फ्रिगेट अमरीकी पोतों की तरह विवादित क्षेत्र के 12 मील के दायरे या चीन द्वारा निर्मित कृत्रिम द्वीप से होकर गुजरेगा या नहीं, विलियमसन ने यह साफ नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि हम इस मामले में अमेरिका के रुख का पूरी तरह समर्थन करते हैं। विलियमसन ने कहा, ‘वैश्विक नजरिया बहुत तेजी से बदल रहा है, ऐसे में अमरीका एक बार में कुछ ही चीजों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है. अमेरिका चाहता है कि अन्य देश भी अधिक भूमिका निभाएं।यह ब्रिटेन एवं ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छा अवसर है कि वे नेतृत्व दर्शाते हुए अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।’