Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 01:17 PM
वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है जो दुनिया के लिए खतरे का संकेत है। इसने कहा कि पेरिस जलवायु समझौते में तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सशक्त कार्रवाई की आवश्यकता है ...
जिनेवा: वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का स्तर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है जो दुनिया के लिए खतरे का संकेत है। इसने कहा कि पेरिस जलवायु समझौते में तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सशक्त कार्रवाई की आवश्यकता है । यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में दी। विश्व मौसम संगठन का कहना है कि वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड सांद्रण 2016 में रिकॉर्ड तोड़ गति से बढ़ा है । मानव गतिविधियों और मजबूत अल नीनो की वजह से कार्बन डाई ऑक्साइड सांद्रण का वैश्विक स्तर 2015 के 400.00 पीपीएम से बढ़कर 2016 में 403.3 पीपीएम तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछली बार धरती पर इसी तरह का सांद्रण स्तर 30 से 50 लाख साल पहले था जब समुद्र स्तर आज के मुकाबले 20 मीटर ऊंचा था। विश्व मौसम संगठन प्रमुख पेट्टेरी टालास ने एक बयान में कहा कि कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में त्वरित कटौती किए बिना हम इस सदी के अंत तक खतरनाक तापमान वृद्धि की ओर बढ़ेंगे, जो पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के तहत तय किए गए लक्ष्य से ऊपर होगा।
बीते साल हुई CO2 की वृद्धि बीते 10 सालों में हुई औसत वृद्धि से 50% ज़्यादा थी। शोधार्थियों के मुताबिक़, इंसानी गतिविधियों और अल-नीनो की वजह से हुई इस वृद्धि ने बीते 8 लाख सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसकी वजह से दुनिया भर में तापमान के निर्धारित किए गए लक्ष्य को पाना मुश्किल होगा। वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन ने ग्रीन हाउस गैस बुलेटिन जारी की है जो 51 देशों में लिए गए आंकड़ों पर आधारित है।