Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jul, 2017 12:43 PM
बोलिविया पर लंबे समय तक स्पेनी लोगों ने राज किया। बोलिविया के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में है केरो रिको माउंटेन स्थित है जिसको ''रिच माउंटेन'' कहा जाता था क्योंकि यहां चांदी की काफी मात्रा है...
मैड्रिड: बोलिविया पर लंबे समय तक स्पेनी लोगों ने राज किया। बोलिविया के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में है केरो रिको माउंटेन स्थित है जिसको 'रिच माउंटेन' कहा जाता था क्योंकि यहां चांदी की काफी मात्रा है। स्पेनियो को लगता था कि पूरा पहाड़ ही चांदी के अयस्क से बना है। दूसरी तरफ, स्थानीय स्तर पर इस पहाड़ का निकनेम 'लोगों को खाने वाला पहाड़' हो गया है। अनुमान है कि 16वीं सदी से अब तक 80 लाख लोग इस पहाड़ पर मारे जा चुके हैं।
1545 में स्पेनियों ने केरो रिको पहाड़ की तलहटी में एक छोटा शहर स्थापित किया। उन्होंने बोलिविया के करीब 30 लाख मूल निवासियों को जबरदस्ती माइनिंग के काम में लगाया। इस पहाड़ से सदियों से चांदी निकाली जा रही है। अनुमान है कि स्पेनियों ने इस पहाड़ से 2 अरब औंस चांदी निकाली। कहते हैं कि इसी चांदी ने स्पेन को अमीर बनाया है। आलम यह है कि लगातार खनन के चलते इस पहाड़ की ऊंचाई काफी कम रह गई है। लगातार खनन होने के चलते यहां जगह-जगह गड्ढे और सुरंगें बनी हुई हैं। इस वजह से अब माइनिंग और कठिन हो गई है और हर पल दुर्घटना का खतरा बना रहता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह इस कदर नर्म हो चुका है कि कभी भी भरभराकर बैठ सकता है। वर्तमान में यहां लगभग 15 हजार माइनर्स काम कर रहे हैं।
हर महीने 15 महिलाएं होती हैं विधवा
विधवाओं की स्थानीय एसोसिएशन का कहना है कि हर महीने औसतन 14-15 महिलाएं विधवा हो जाती हैं, क्योंकि उनके पति इन खदानों में काम करते हुए मारे जाते हैं।
बेहद खराब हैं परिस्थितियां
यहां परिस्थितियां बेहद खराब हैं। चारों तरफ धूल और चट्टानों से निकलने वाली जहरीली गैसों का साम्राज्य है। हर श्रमिक को दिनभर में खुदाई और अयस्क पीठ पर लादकर लाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसके चलते यहां औसत जीवनकाल सिर्फ 40 साल ही है। इन भीषण परिस्थितियों में बचे रहने के लिए उन्होंने तमाम माइंस में एल टियो की मूर्तियां लगा रखी हैं। एल टियो डेविल है, जिसके सींग होते हैं। उसे गहराइयों का स्वामी माना जाता है।
बढ़ता जा रहा मौतों का आंकड़ा
इतिहासकार एडुआर्डो गेलीनो के अनुसार 16वीं सदी से अब तक इन पहाड़ों में 80 लाख लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि आलोचकों का कहना है कि 80 लाख में उन लोगों को भी शामिल कर लिया गया है, जो इस जगह को छोड़कर चले गए थे। बहरहाल जो भी, मौतों का आंकड़ा यहां बढ़ता ही जा रहा है।