Edited By ,Updated: 14 May, 2017 01:49 PM
चीन ने दुनिया पर दबदबा बनाने के लिए अभी से एक ऐसी चाल चली है, जो 2049 तक उसे सबसे ताकतवर देश बनाने में बेहद मददगार साबित होगी...
बीजिंगः चीन ने दुनिया पर दबदबा बनाने के लिए अभी से एक ऐसी चाल चली है, जो 2049 तक उसे सबसे ताकतवर देश बनाने में बेहद मददगार साबित होगी।चीन की इस नई चाल का नाम है OBOR यानि वन बेल्ट वन रोड। चीन पूरी दुनिया के सामने एशिया, यूरोप और अफ्रीका को जोड़ने वाले OBOR को वाणिज्यिक लाभ और तरक्की के एक नायाब मॉडल के रूप में पेश कर रहा है।
चीन ने दुनिया के कई मुल्कों को OBOR में भागीदारी के लिए राजी कर लिया है। पूरी दुनिया को इस आर्थिक गलियारे का सब्जबाग दिखाते हुए चीन यह साबित करने की कोशिश कर रहा कि इससे सबका फायदा होगा, इसलिए एशिया से लेकर यूरोप तक सभी देश इसमें शामिल हों। अपनी योजना में चीन काफी हद तक कामयाब भी हो गया है।
फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, पोलैंड, बेलारुस, रूस, कजाखस्तान, पाकिस्तान और नेपाल तक को चीन ने इस योजना में शामिल कर लिया है। दुनिया के और मुल्कों को अपने इस प्रोजैक्ट का हिस्सा बनने के लिए चीन 14-16 मई, 2017 को एक वैश्विक सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। भारत ने इस सम्मेलन से दूरी बना ली है।
जानकारों का मानना है कि वन बेल्ट वन रूट के बहाने चीन दुनिया पर अपनी धौंस जमाना चाहता है। यूरोप तक घुसपैठ बहुत हद तक इसे साबित भी करती है। इसमें उसने 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों, दुनिया भर के 100 मंत्रिस्तरीय अधिकारियों, विभिन्न देशों के 1200 प्रतिनिधिमंडलों को आमंत्रित किया है। ओबीओआर लगभग 1,400 अरब डॉलर की परियोजना है।
चीन को उम्मीद है कि उसका यह ड्रीम प्रोजैक्ट 2049 तक पूरा हो जाएगा। 2014 में आई रेनमिन यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नई सिल्क रोड परियोजना करीब 35 वर्ष में यानी 2049 तक पूरी होंगी। यानि समाजवादी चीन बनने की अपनी 100वीं वर्षगांठ को और अभिमान के साथ मनाने का चीन ने अभी से पूरा खांका तैयार कर लिया है।