पाक से डरने लगा चीन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Dec, 2017 11:07 AM

china began to fear from pak

भले ही चीन और पाकिस्‍तान के बीच लंबे समय से दोस्‍ताना रिश्‍ते हैं लेकिन कुछ कट्टरवादी समूह और अलकायदा चीन और उसके नागरिकों को अपना सबसे बड़ा दुश्‍मन मानता है। यह अपने फायदे के लिए चीनी नागरिकों पर हमला करते हैं...

बीजिंगः भले ही चीन और पाकिस्‍तान के बीच लंबे समय से दोस्‍ताना रिश्‍ते हैं लेकिन कुछ कट्टरवादी समूह और अलकायदा चीन और उसके नागरिकों को अपना सबसे बड़ा दुश्‍मन मानता है। यह अपने फायदे के लिए चीनी नागरिकों पर हमला करते हैं। इन हमलों की वजह से ही चीन को पाकिस्‍तान से डर लगता है ।  इस डर की एक नहीं कई वजह हैं। इनमें से एक वजह पाकिस्‍तान में मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर है। दूसरा डर पाकिस्‍तान में निवेश को लेकर भी है। इन दोनों को लेकर चीन की सरकार की तरफ से न सिर्फ आशंका जताई गई है बल्कि अपने नागरिकों को एडवाइजरी तक जारी की गई है। 

शंघाई अकादमी ऑफ सोशल साइंस के इंस्टीच्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशन के रिसर्च फैलो हू झीयोंग का मानना है कि चीन हमेशा से ही अपने नागरिकों के खिलाफ होने वाली इस तरह की आतंकी गतिविधियों का कड़ा विरोध करता रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्‍तान ने सीपैक इलाके में चीन के निवेश और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए करीब 15000 सैनिक तैनात किए हुए हैं। 

गौरतलब है कि इसी वर्ष की शुरुआत में सीपैक इलाके से दो चीनी नागरिकों को अगवा कर कत्‍ल कर दिया गया था। उस वक्‍त भी चीन का डर छलक कर सामने आया था। चीन के डर की वाजिब वजह पाकिस्‍तान के मौजूदा सेनाध्‍यक्ष जनरल कमर जावेद के उस बयान में भी साफतौर पर छलकती है जिसमें उन्‍होंने मदरसों की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्‍होंने यहां तक कहा है कि मदरसों के जरिए तैयार हो रहे आतंकियों पर अपनी गहरी चिंता जताई है। इसके अलावा उन्‍होंने मदरसों को अत्‍याधुनिक बनाने पर भी जोर दिया है। 

उल्लेखनीय है कि चीन अपने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिम समुदाय की गतिविधियों को लेकर सशंकित रहता है। कुछ घटनाओं के बाद चीन सरकार ने उइगरों पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। उइगरों के पाकिस्तानी और अफगान आतंकी संगठनों से रिश्ते बेपर्दा हो चुके हैं। ऐसे में चीन को आशंका है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी माहौल में आसानी से उसके नागरिकों को निशाना बनाया जा सकता है। जून में चीन के दो नागरिकों की बलूचिस्तान प्रांत में अपहरण करके हत्या कर दी गई थी। वारदात की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी।

3 लाख करोड़ रुपए की लागत वाले वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट और कुछ अन्य परियोजनाओं पर इन दिनों हजारों चीनी नागरिक पाकिस्तान में कार्य कर रहे हैं। चीन बेल्ट-रोड परियोजना के जरिये सड़क मार्ग से पाकिस्तान होकर अरब देशों और यूरोप तक पहुंचना चाहता है। लेकिन उसे अपने नागरिकों और निवेश की चिंता भी सता रही है। चीन को अंदेशा है कि उसके निवेश वाली परियोजनाओं, कार्यस्थलों और नागरिकों पर आंतकी हमले हो सकते हैं। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि आतंकी निकट भविष्य में चीनी हितों को चोट पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आतंकी सिलसिलेवार हमलों को अंजाम दे सकते हैं।
 

 

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