चीन ने फिर की मनमानी, अमरीका के लिए खड़ी की चुनौती

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 10:07 AM

china deploys su 35 jets in south china sea to counter us patrols

: दक्षिण चीन सागर में कब्जे को लेकर चीन की मनमानियां बढ़ती जा रही हैं जिनका लगातार विरोध किया जा रहा है। चीन ने अब हाल  ही में रूस से हासिल एसयू-35 लड़ाकू विमानों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया  है। चीन के इस कदम को क्षेत्र में अमरीकी हवाई और

बीजिंग: दक्षिण चीन सागर में कब्जे को लेकर चीन की मनमानियां बढ़ती जा रही हैं जिनका लगातार विरोध किया जा रहा है। चीन ने अब हाल  ही में रूस से हासिल एसयू-35 लड़ाकू विमानों को दक्षिण चीन सागर में तैनात किया  है। चीन के इस कदम को क्षेत्र में अमरीकी हवाई और नौसैनिक गश्त के लिए एक चुनौती माना जा रहा है। चीन की वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि हाल ही में दक्षिण चीन सागर के ऊपर संयुक्त युद्धक गश्त में हिस्सा लेने के लिए उसने अपने एसयू-35 लड़ाकू विमानों को भेजा था। 

चीन की तरफ से यहां तक कहा गया है उसने यह फैसला अमरीका के उठाए गए कदमों के बाद लिया है। चीन की आर्मी पीएलए ने ट्वीटर के जरिए इसकी जानकारी भी दी है और इसका एक वीडियो भी अपलोड किया है। साउथ चाइना सी पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान भी दावा ठोकते रहे हैं। लेकिन चीन इस तरफ बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इतना ही नहीं इस पर चीन तेजी से मिलिट्री आउटपोस्‍ट या इंस्‍टालेशन को बढ़ावा दे रहा है। चीन के इस निर्माण पर दुनिया के कई देशों की नजर है। चीन इस इलाके में सालों से निर्माण करने में जुटा है। हालांकि चीनी गतिविधियों का उसके पड़ोसी देश काफी विरोध कर रहे हैं।

चीन ने यहां हो रहे निर्माण को पहले कुछ और बताया था लेकिन अब वह कह रहा है कि ये छोटे मिलिटरी इंस्टॉलेशन्स हैं। स्प्रैटलीज के नाम से पहचाने जाने वाले इस द्वीपसमूह पर चीन ने वर्ष 2013 में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य शुरू किया था। अब यह जगह पूरी तरह से मिलिटरी आउटपोस्ट में तब्दील हो गई है। सैटेलाइट से ली गई इमेज इसकी गवाही दे रही हैं। फिलिपींस के एक अखबार ने इन तस्वीरों को जारी किया है। हालांकि इसके बाद भी अमेरिकी डिफेंस हैडक्‍वार्टर पेंटागन और फिलिपींस मिलिटरी ने इन तस्वीरों पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी फिलहाल इनकी पुष्टि नहीं की है, बताया जा रहा है कि ये तस्वीरें जून 2016 से दिसंबर 2017 के बीच की हैं।

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब सैटेलाइट इमेज के जरिए यहां हो रहे निर्माण की बात सामने आई हो। इससे पहले अमरीका खुद भी इस तरह की सैटेलाइट इमेज जारी करता रहा है। अमरीका पहले ही इस तरह दावा कर चुका है कि चीन यहां पर मिलिट्री निर्माण कर रहा है। इस द्वीप समूह को लेकर कई बार अमरीका और चीन आमने-सामने तक आ चुके हैं। वहीं चीन के पड़ोसी देश भी यहां हो रहे निर्माण का विरोध कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अमरीकी सेना भी समय-समय पर अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेजती रहती है। दरअसल, अमरीका इस क्षेत्र में हवाई और नौ परिवहन की स्वतंत्रता पर जोर देता रहा है, जबकि चीन क्षेत्र पर अपना दावा जताता है। हालांकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताईवान के अपने-अपने दावे हैं।

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