सेना प्रमुख रावत के बयान पर तिलमिलाया चीन!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 12:20 PM

china objection to army chief gen bipin rawat statement

भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के उस बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने कहा...

बीजिंग: चीन ने आज सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की कि बीजिंग भारत के संयम की परीक्षा ले रहा है। 

रावत के बयान शी, मोदी के विचारों के विपरीत :चीन 
मीडिया खबर मुताबिक, चीन ने कहा कि यह बयान इस सप्ताह श्यामन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा व्यक्त किए गए विचारों के विरोधाभासी है।दरअसल रावत ने नई दिल्ली में सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि चीन ने अपना ‘दमखम दिखाना’ शुरू कर दिया है, वहीं पाकिस्तान के साथ सुलह की कोई गुंजाइश नहीं लगती।  
PunjabKesariक्या रावत बोलने के लिए अधिकृत हैं?
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक ब्रीफिंग में कहा,‘‘हमने भारत में संबंधित लोगों के बयान देखे हैं, हमने भारत की प्रेस में भी कुछ बयान देखे हैं।  डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिन तक बने रहे गतिरोध के समाप्त होने के बाद शी और मोदी की पहली मुलाकात में उनके द्वारा व्यक्त विचारों का जिक्र करते हुए गेंग ने यह भी पूछा कि क्या रावत बोलने के लिए अधिकृत हैं और क्या उनके विचार भारत की सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
PunjabKesariदोनों देश एक दूसरे के लिए विकास के अवसर
उन्होंने कहा,‘‘जैसा कि भारतीय प्रेस में खबरें आई हैं। हमें नहीं पता कि वह ऐसी बातें कहने के लिए अधिकृत हैं या नहीं, या ये केवल उनके स्वत: स्फूर्त बयान थे या उनकी बात भारत सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करती हैं।’’चीन और भारत को महत्वपूर्ण पड़ोसी और दो बड़े देश बताते हुए गेंग ने कहा कि संबंधों का मजबूत और सतत विकास दोनों देशों के हितों को साधने वाला है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यही देखना चाहता है।  

गेंग ने कहा,‘‘दो दिन पहले ही, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने संकेत दिया था कि दोनों देश एक दूसरे के लिए विकास के अवसर हैं, खतरा नहीं हैं।’’उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारतीय पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास के लिए चीन के साथ काम करना चाह रहा है।उन्होंने कहा,‘‘हमें एक दूसरे को शत्रु नहीं मानना चाहिए। दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन चैन बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’’रावत के बयान के जवाब में गेंग ने कहा,‘‘उम्मीद है कि ये सैन्य अधिकारी इस चलन को स्पष्ट तरीके से देखेंगे और चीन तथा भारत के संबंधों के विकास में योगदान देंगे।’’ 

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