Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 02:46 PM
चीन लगातार तेजी से अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है, जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है...
बीजिंगः चीन लगातार तेजी से अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है, जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है। अब ड्रैगन ने पाचवीं पीढ़ी के जे-20 स्टील्थ फाइटर जेटको निर्धारित समय से पहले पीएलए एयरफोर्स में शामिल कर लिया है। हालांकि यह विमान चीनी वायुसेना को 2019 तक सौंपा जाना था. चीन के गुपचुप तरीके से जे-20 स्टील्थ फाइटर के पीएलए में शामिल होने से भारत की चिंता बढ़ना लाजमी है।
चीनी सरकारी मीडिया के मुताबिक जे-20 स्टील्थ फाइटर अमरीका के एफ-22 लड़ाकू विमान का मुकाबला करने में सक्षम है। सैन्य विशेषज्ञों की माने तो जे-20 स्टील्थ फाइटर के शामिल होने से पीएलए एयरफोर्स की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। सितंबर में चीनी सोशल मीडिया में भारतीय सीमा से सटे दक्षिण पश्चिम सियाचीन प्रांत के तिब्बत के पठार में जे-20 के तैनात किए जाने की बात कही गई थी, इसमें कहा गया था कि चीन भारतीय सीमा से सटे अति संवेदनशील दक्षिण पश्चिमी सियाचीन प्रांत में तिब्बत के पठार में जे-20 को तैनात कर रहा है।
सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर को भी बकायदा जारी की गई थी। हालांकि उस समय पीएलए ने इसका खंडन कर दिया था। उसने कहा था कि फिलहाल जे-20 का परीक्षण किया जा रहा है और इसको सबसे पहले मैदानी इलाके में तैनात किए जाने की संभावना है। पीएलए ने कहा कि तिब्बत के पठार के एयरपोर्ट 5वीं पीढ़ी के इस लड़ाकू विमान को उतारने के लिए ठीक नहीं हैं।
लिहाजा इसको पहली बार तिब्बत के पठारी इलाके में तैनात किए जाने की संभावना नहीं है। हालांकि पीएलए ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि इस लड़ाकू विमान को सबसे पहले कहां तैनात किया जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर में सियाचीन के दाओचेंग याडिंग एयरपोर्ट पर यह विमान तैनात नजर आ रहा था, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। भारतीय सीमा से सटे इस इलाके में भारत के एयरपोर्ट हैं, जिसके चलते चीन यहां पर निगाह गड़ाए हुए है। माना जा रहा है कि भारत के ब्रह्मोस मिसाइल के जवाब में चीन सीमा पर जे-20 को तैनात करेगा।