Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 02:43 PM
चीन ने एक बार फिर से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता की रास्ते में रोड़ा अटकाया है।
बीजिंग: चीन ने एक बार फिर से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता की रास्ते में रोड़ा अटकाया है। एनएसजी में भारत के प्रवेश का समर्थन करने से एक बार फिर इंकार करने वाले चीन ने आज कहा है कि एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी ‘नई परिस्थितियों’ में और ‘अधिक जटिल’ हो गई है। चीन का कहना है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले सभी देशों के लिए एक समान नियम लागू होना चाहिए। चीन 48 देशों वाले इस समूह में भारत की सदस्यता को रोकता रहा है। यह समूह परमाणु वाणिज्य का नियंत्रक समूह है। अधिकतर सदस्य देशों का समर्थन होने के बावजूद चीन भारत के सदस्य बनने का विरोध करता रहा है। नए सदस्यों के प्रवेश के बारे में समूह आम सहमति की प्रक्रिया अपनाता है।
'NSG नई परिस्थितियों में एक नया मुद्दा'
चीन के सहायक विदेश मंत्री ली हुइलेई ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एनएसजी की बात की जाए तो यह नई परिस्थितियों में एक नया मुद्दा है और यह पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल है।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नई परिस्थितियां और जटिलताएं क्या हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन गैर-पक्षपाती और सार्वभौमिक तरीके से लागू किए जा सकने वाले एेसे उपाय के लिए एनएसजी को बढ़ावा देता है, जो एनएसजी के सभी सदस्यों पर लागू हो।’