Edited By ,Updated: 15 Apr, 2017 06:40 PM
प्योंगयांग की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए चीन ने रूस से मदद मांगी है। उत्तर कोरिया मामले पर संभावित संघर्ष की चेतावनी ...
बीजिंग: प्योंगयांग की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए चीन ने रूस से मदद मांगी है। उत्तर कोरिया मामले पर संभावित संघर्ष की चेतावनी के बाद चीन के विदेश मंत्री ने अपने मास्को के समकक्ष से मदद मांगी।
उत्तर कोरिया के विध्वंसक परमाणु कार्यक्रम को लेकर हाल के दिनों में चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। कोरिया प्रायद्वीप के निकट अमरीकी नौसेना के मारक बल को तैनात कर दिया गया है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि इस खतरे को ‘‘देख लिया जाएगा’’ जबकि प्योंगयांग ने किसी भी उकसावे की ‘‘कठोर’’ प्रतिक्रिया का संकल्प लिया है। चीन उत्तर कोरिया का प्रमुख और इकलौता सहयोगी तथा उसकी आर्थिक जीवन रेखा भी है।
चीन ने कल चेतावनी देते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया मामले पर युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक सेरगी लावरोव को संबोधित करते हुए वांग यी ने कहा कि दोनों देशों का लक्ष्य सभी पक्षों को फिर से वार्ता मेज तक लाना है। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर रूस, चीन और अमरीका समेत छह पक्षीय वार्ता में गतिरोध के संदर्भ में वांग ने लावरोव से कहा,‘‘हालात को जल्द से जल्द शांत करने के लिए और संबद्ध पक्षों को वार्ता प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चीन रूस के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।’’चीन उत्तर कोरिया के खिलाफ किसी भी कार्रवाई का विरोध करता रहा है क्योंकि उसे लगता है कि वहां शासन के ध्वस्त होने से सीमा के जरिए शरणार्थियों की बाढ़ आ जाएगी और अमरीकी सेना उसकी चौखट पर पहुंच जाएगी।