Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 08:37 PM
चीन अपने नए साल से सुरक्षा व्यवस्था में अपराधियों पर नजर रखने के लिए चेहरे को पहचानने वाली हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। इस टेक्नोलॉजी से लैस चश्मे पहनने वाले पुलिस...
नेशनल डेस्क: चीन अपने नए साल से सुरक्षा व्यवस्था में अपराधियों पर नजर रखने के लिए चेहरे को पहचानने वाली हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा। इस टेक्नोलॉजी से लैस चश्मे पहनने वाले पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई। यह चश्मा बड़ी संख्या में यात्रियों पर नजर रखने का काम करेगा।
चीनी मीडिया के मुताबिक, हेनान प्रांत के झेंगझू पूर्वी रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे के साथ ही उच्च तकनीक वाले चश्मे पहने रेलवे पुलिसकर्मी तैनात हैं। चश्मे के जरिए पुलिस डेटाबेस पर उपलब्ध जानकारी के साथ यात्रियों की पहचान मिलानी होती है ताकि कोई अपराधी बचकर न निकल सके। इस टेक्नोलॉजी के जरिए अभी तक मानव तस्करी और हिट एंड रन के सात आरोपियों को पकड़ा गया है, जबकि पहचान बदलकर यात्रा करने वाले 26 मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि एक फरवरी से लेकर 12 मार्च तक हर साल ज्यादातर चीनी यात्री नववर्ष के दौरान छुट्टी मानाने अपने घर लौटते हैं।
इस तरह कारगर है टेक्नोलॉजी
हेनान के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग के झांग जियाओली ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह चश्मा गूगल के ग्लास के समान है, जो पुलिस डेटाबेस से जुड़ा होता है। चश्मे में कैप्चर किए गए चेहरों की जानकारी वांछित सूची पर संदिग्धों की तुलना करने के लिए डेटाबेस में वापस भेजी जाएगी। नई तकनीक को डेटाबेस से तुलना करने के लिए फोटो की आवश्यकता होती है। पुलिस कर्मिया द्वारा पहने जाने वाले चश्मे टैबलेट व कंप्यूटर से जुड़े होते हैं। इनमें एक बार यात्रियों के चेहरे स्कैन हो जाने पर टैबलेट से पुलिस डेटाबेस में चेहरों का मिलान कर लेता है। जबकि पहले एक अपराधी को पकडऩे के लिए उसके चेहरे की विभिन्न एंगल की तस्वीरों की जरूरत होती थी।
अधिकारिक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। इसी के तहत चेहरे पहचाने वाली टेक्नोलॉजी को लागू किया है। शंघाई ने इस टेक्नोलॉजी का उपयोग यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की निगरानी करने के लिए रखा है। वहीं अन्य शहरों ने त्योहारों के दौरान दर्जनों संदिग्ध अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए किया है। चीन ने 2020 तक 95 प्रतिशत सार्वजनिक श्रेत्रों को सीसीटीवी कैमरे व इंटरनेट की जद में लाने का लक्ष्य रखा है।