Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 11:39 AM
चीन के नैशनल टी.वी. चैनल ने दिल्ली पर चढ़ाई की फिर गीदड़ भभकी दी है...
पेइचिंगः चीन के नैशनल टी.वी. चैनल ने दिल्ली पर चढ़ाई की फिर गीदड़ भभकी दी है। चीन के टीवी चैनल ने भारत को धमकाया है कि अगर दोनों देशों में लड़ाई होती है तो चीन की सेना के जवान 10 घंटे में पैराशूट से भारत की राजधानी दिल्ली पहुंच जाएंगे। चीनी मीडिया ने आग उगलते हुए कहा है कि अगर अब भारत और चीन के बीच जंग होती है, तो चीनी सैनिकों का दस्ता मोटर काफिले से 48 घंटे में और पैराशूट के इस्तेमाल से चीनी जवान 10 घंटे में भारत की राजधानी दिल्ली पहुंच जाएंगे।
इंटरनैशनल स्पेक्टेटर के ट्वीट के अनुसार चीन के सरकारी टीवी चैनल ने यह दावा किया है। हालांकि चीन की ओर से भारत को पहली बार धमकी नहीं दी गई है। इससे पहले भी चीनी मीडिया किसी न किसी मुद्दे पर भारत के खिलाफ आग उगलता रहा है। चीनी मीडिया की भारत के प्रति यह चिढ़ कोई नई नहीं है। दरअसल एप्पल ने भारत में एक प्लांट बनाने की बात की है, जिसके बाद चीन की मीडिया ने अपनी सरकार को सतर्क किया था कि वह अपनी निर्माण क्षमता को बढ़ाए।
चीन ने कहा कि एन.एस.जी. की सदस्यता के भारतीय प्रयास और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए जाने पर मतभेद भारत और चीन के अच्छे संबंधों में बाधा नहीं बनने चाहिए। दोनों पक्षों को एक-दूसरे के प्रमुख हितों का सम्मान करना चाहिए। भारत और चीन के उदय से दोनों देशों के लिए अप्रत्याशित अवसर पैदा होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की सराहना करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि ठोस और स्थिर सहयोग स्थापित करना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। एक दूसरे पर अंगुली उठाने और मुख्य हितों की उपेक्षा करने की जगह मतभेदों को दोस्ताना बातचीत से दूर करना होगा।
भारत की संप्रभुता का सम्मान करे चीन : जयशंकर
चीन की भारत के साथ बढ़ती असहजता के परिप्रेक्ष्य में भारत ने कहा कि क्षेत्रीय संप्रभुता से जुड़े मामलों में दोनों देशों को संवेदनशील होना चाहिए। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने दक्षेस में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि एक सदस्य देश की असुरक्षा के कारण क्षेत्रीय समूह अप्रभावी बन गया है। आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बताते हुए उन्होंने वैश्विक स्तर पर निपटने में तालमेल न बनने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत है, ताकि यह बड़ी चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सके। रायसीना सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश सचिव एस. जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पर कड़ी आपत्ति जताई, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। उन्होंने कहा कि परियोजना को भारत की सलाह के बिना शुरू किया गया। इसको लेकर संवेदनशीलता और चिंता स्वाभाविक है।