अमरीका को ‘मुंहतोड़’ जवाब देगा चीन, करेगा ये काम !

Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 05:14 PM

china to conduct live fire drills  test new weapons in response to thaad

अमरीका और चीन लगातार एक-दूसरे से टकराव की स्थिति में दिख रहे हैं...

पेइचिंग: अमरीका और चीन लगातार एक-दूसरे से टकराव की स्थिति में दिख रहे हैं। कोरियन प्रायद्वीप में बने तनाव को लेकर भी दोनों देश आमने-सामने खड़े हैं। दक्षिणी कोरिया में अमरीका द्वारा तैनात किए गए टर्मिनल हाई एरिया ऐल्टिट्यूड डिफेंस (THAAD) ऐंटी-मिसाइल सिस्टम के जवाब में अब चीन ने लाइव-फायर सैन्य अभ्यास करने का ऐलान किया है। साथ ही, चीन की ओर से कुछ नए हथियारों का परीक्षण करने की भी बात कही गई है। मालूम हो कि लाइव-फायर ड्रिल (LFX) एक सैन्य कार्रवाई होती है, जिसमें युद्ध जैसे असली हालातों में अभ्यास किया जाता है।

इसका इस्तेमाल अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर विरोधी राष्ट्र पर दबाव बनाने के लिए किया जाता है। चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजुन ने  एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमरीका द्वारा THAAD को तैनात करना काफी संवेदऩशील मसला है। उन्होंने कहा कि अमरीका के इस कदम से कोरियन प्रायद्वीप में काफी तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए हैं। यांग ने कहा कि इन स्थितियों के मद्देनजर चीन की सेना लाइव-फायर सैन्य अभ्यास करना जारी रखेगी। साथ ही, चीन की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने की मंशा से नए हथियारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

एक विशेषज्ञ के मुताबिक, इस सैन्य अभ्यास में मुख्य तौर पर चीन की वायु सेना और रॉकेट फोर्स को शामिल किया जाएगा। साथ ही, THAAD के खतरे से निपटने के लिए जवाबी कार्रवाई की अलग-अलग रणनीतियों पर अभ्यास किया जाएगा। इससे पहले दक्षिणी कोरिया के रक्षामंत्री ने बुधवार को कहा था कि THAAD के कुछ हिस्सों को इसे तैनात किए जाने की जगह पर रवाना कर दिया गया है। दक्षिणी कोरिया ने इस अति विकसित ऐंटी-मिसाइल सिस्टम को तैनात करने की कार्रवाई शुरू किए जाने की भी पुष्टि की थी। मालूम हो कि चीन और रूस दक्षिण कोरिया में अमेरिका द्वारा THAAD तैनात किए जाने पर विरोध जाहिर कर चुके हैं।

इसके जवाब में अमरीका ने कहा कि उत्तरी कोरिया की ओर से परमाणु हथियार विकसित किए जाने की लगातार बढ़ती कोशिशों और इनके इस्तेमाल को लेकर बढ़ते जोखिम से निपटने के लिए ही उसने यह कदम उठाया है। चीन और रूस का कहना है कि THAAD का शक्तिशाली रेडार उनके इलाके की जानकारियां भी हासिल कर सकता है और इससे उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होने की संभावना है। बुधवार को चीन और रूस ने अपना तीसरा साझा ऐंटी-मिसाइल प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। इसमें दोनों देशों की ओर से कहा गया कि THAAD की तैनाती के पीछे पेइचिंग और मॉस्को की सामरिक क्षमताओं को कमजोर करने की मंशा है। 

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